जुलाई की शुरुआत में अजमेर समेत ब्यावर, पीसांगन, रूपनगढ़, किशगनढ़, पुष्कर और अन्य इलाकों पर इंद्रदेव मेहरबान रहे थे। झमाझम बरसात heavy
rain in ajmer ने कई इलाकों को जलमग्न भी किया, लेकिन पिछले 11 दिन से मानसून का अता-पता नहीं है। मंगलवार को आषाढ़ सूखा ही बीत गया। सुबह से बादलों की टुकडिय़ां आसमान पर मंडराती रही। धूप-छांव के चलते उमस और गर्मी ने परेशान रखा। शाम को घटाओं ने पूरे आसमान पर डेरा डाल दिया। न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री रहा।
जिले में 1 जून से अब तक बारिश rain (मिमी में) अजमेर 134, श्रीनगर 51, गेगल 24, पुष्कर 87, गोविन्दगढ़ 38, बूढ़ा पुष्कर 26, नसीराबाद 44, पीसांगन 74, मांगलियावास 26, किशनगढ़ 60, बांदरसींदरी 17, रूपनगढ़ 126, अरांई 93, ब्यावर 161, जवाजा 98, टॉडगढ़ 113, सरवाड़ 105, गोयला 113, केकड़ी 117, सावर 35, भिनाय 54, मसूदा 38, बिजयनगर 48, नारायणसागर 41 इन जलाशयों में पानी (फीट में) आनासागर 12.5, फॉयसागर 2.2, पुष्कर 4.3, अजगरा 3.6, ताज सरोवर अरनिया 8.6, खानपुरा 3.6, जवाजा 3.4, बूढ़ा पुष्कर 6.6, बांके सागर 1.8
जिले में खाली पड़े हैं यह जलाशय
ऊंटड़ा, रामसर, बीर, फूलसागर कायड़, रूपनगढ़, शिवसागर न्यारा, फूलसागर जालिया, राजियावास मकरेड़ा, गोविंदगढ़, मदन सरोवर धानवा, मूंडोती, पारा प्रथम और पारा द्वितीय, लसाडिय़ा, बसूंदनी, नाहर सागर पीपलाज, लोरडी सागर, नारायण सागर खारी, डेह सागर बड़ली, न्यू बरोल, मान सागर जोताया और अन्य।