आसमान से बरसती आग के सामने लोग बेबस हैं। सूरज के तेवर ढीले नहीं पड़े हैं। बुधवार सुबह से ही गर्माहट बनी हुई है। इन दिनों अधिकतम तापमान 41 से 42.5 डिग्री पर कायम है।
सूरज निकलने के साथ मौसम में गर्माहट हो गई। पसीने से लोगों के कपड़े तरबतर होते रहे। हालांकि पिछले दिनों की तरह लू के थपेड़ों और झुलसाती धूप के तेवर मामूली घटे हैं। लेकिन गर्मी का प्रकोप कायम है। सुबह से लोग धूप से बचने के लिए छायादार जगह बैठे नजर आए। इन दिनों सडक़ों पर धूप का पहरा नजर आ रहा है। बाजारों और रिहायशी इलाकों में दोपहर में चहल-पहल बिल्कुल नहीं दिख रही है। न्यूनतम तापमान 29 से 31 डिग्री के बीच कायम है।
40 डिग्री के पार तापमान पिछले 15 दिन से पारा 40 डिग्री से नीचे नहीं उतरा है। खासतौर पर जून के शुरुआत में तो तापमान 43 से 45.5 डिग्री के बीच ही घूमता रहा। नौ तपा का असर खत्म होने के बावजूद सूरज का रौद्र रूप कायम है। लोगों को झुलसाती गर्मी से राहत नहीं मिल पाई है।
मानसून का इंतजार…
केरल से दक्षिण पश्चिम मानसून धीरे-धीरे आगे बढऩे के आसार हैं। हालांकि कई जगह मानसून पूर्व बरसात भी हुई है, लेकिन बीते 65 साल में यह सबसे कम है। मानसून केरल पहुंचने के बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात होते हुए राजस्थान पहुंचता है। मालूम हो कि अजमेर सहित पूरे राज्य में मानसून जुलाई से सितम्बर तक सक्रिय रहता है। इस दौरान होने वाली बरसात से बांधों और तालाबों में पानी की आवक होती है। इससे साल भर पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है।
केरल से दक्षिण पश्चिम मानसून धीरे-धीरे आगे बढऩे के आसार हैं। हालांकि कई जगह मानसून पूर्व बरसात भी हुई है, लेकिन बीते 65 साल में यह सबसे कम है। मानसून केरल पहुंचने के बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात होते हुए राजस्थान पहुंचता है। मालूम हो कि अजमेर सहित पूरे राज्य में मानसून जुलाई से सितम्बर तक सक्रिय रहता है। इस दौरान होने वाली बरसात से बांधों और तालाबों में पानी की आवक होती है। इससे साल भर पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है।