सुबह से ही धूप में काफी तेजी रही। सुबह 9 बजते-बजते सूरज के तेवर बदल गए। धूप में तीखापन और गर्माहट बढ़ती चली गई। लोग छायादार स्थानों और पेड़ों के नीचे बैठे रहे। मौसम में गर्मी का असर बना रहा। न्यूनतम तापमान अभी 22 से 23.4 डिग्री के बीच बना हुआ है।
मानसून विदा, अब गर्माहट
मौसम और सिंचाई विभाग मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर तक मानते हैं। इस दौरान होने वाली बरसात का पानी खेती और पेयजल के काम आता है। लिहाजा इस साल का मानसून विदा हो चुका है। मालूम हो कि जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर है। सिंचाई विभाग के अनुसार 358.51 मिलीमीटर बारिश ही हुई है।
मौसम और सिंचाई विभाग मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर तक मानते हैं। इस दौरान होने वाली बरसात का पानी खेती और पेयजल के काम आता है। लिहाजा इस साल का मानसून विदा हो चुका है। मालूम हो कि जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर है। सिंचाई विभाग के अनुसार 358.51 मिलीमीटर बारिश ही हुई है।
बाजी मार ले गया पाली, अजमेर के रह गए खाली हाथ बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने पाली के लॉ कॉलेज को प्रथम वर्ष में प्रवेश की अनुमति दी है। वहीं अजमेर के लॉ कॉलेज का मामला अटका हुआ है।
वर्ष 2005 में प्रदेश में अजमेर, पाली, नागौर, बीकानेर, कोटा, बूंदी सहित अन्य शहरों में लॉ कॉलेज खोले गए। मान्यता नहीं होने के कारण सभी कॉलेज को प्रतिवर्ष बीसीआई से प्रथम वर्ष की मंजूरी लेनी पड़ती है। इस साल भी कमोबेश यही स्थिति है। उधर कौंसिल ने लॉ कॉलेज पाली को सत्र 2018-19 में प्रथम वर्ष में दाखिलों की मंजूरी जारी कर दी है।
वर्ष 2005 में प्रदेश में अजमेर, पाली, नागौर, बीकानेर, कोटा, बूंदी सहित अन्य शहरों में लॉ कॉलेज खोले गए। मान्यता नहीं होने के कारण सभी कॉलेज को प्रतिवर्ष बीसीआई से प्रथम वर्ष की मंजूरी लेनी पड़ती है। इस साल भी कमोबेश यही स्थिति है। उधर कौंसिल ने लॉ कॉलेज पाली को सत्र 2018-19 में प्रथम वर्ष में दाखिलों की मंजूरी जारी कर दी है।
प्रवेश अनुमति का इंतजार लॉ कॉलेज अजमेर में प्रथम वर्ष की 240 सीट है। मौजूदा सत्र के 97 दिन निकल चुके हैं। यहां प्रथम वर्ष में दाखिलों का इंतजार है। हाल में प्राचार्य डॉ. डी. के.सिंह ने दिल्ली जाकर बीसीआई के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की। कॉलेज को जल्द प्रवेश की अनुमति मिलने की उम्मीद है। अलबत्ता राज्य सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग से चयनित तीन व्याख्याताओं का पदस्थापन भी कर दिया है।
मिलेगी स्थायी मान्यता! हाल में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने लॉ कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया था। उन्होंने सरकार के स्तर बार कौंसिल में फीस और अन्य कार्रवाई पूरी होने के आधार पर जल्द स्थायी मान्यता मिलने की बात कही थी। इस साल विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगने वाली है। इसके बाद वर्ष 2019 में अप्रेल-मई तक लोकसभा चुनाव होंगे। ऐसे में स्थायी मान्यता मिलने में विलम्ब हो सकता है।