ड़ी शहर का सही रूप में विकास हो सकेगा।सीवर लाइन की मंजूरी के अलावा दूसरा सबसे बड़ा महत्वपूर्ण बिंदु नगरपालिका के ग्रेड सुधार का है। बरसों से बाड़ी नगरपालिका सी ग्रेड में बनी हुई है, जो दशकों पूर्व बी ग्रेड में क्रमोन्नत हो जानी चाहिए थी। लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारी बार-बार नगर पालिका प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रार्थना पत्रों को फाइलों में दबाते रहे।
ऐसे में बाड़ी नगर पालिका को बी ग्रेड में बदले जाने का इंतजार है। जिसके लिए स्वयं विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा भी अपने स्तर पर दो बार प्रस्ताव दे चुके हैं। नगर पालिका प्रशासन तो अनगिनत बार अपनी फाइल रिपीट भेजता रहा है।
बी ग्रेड में बदलने के लिए क्या है नियम
2011 की जनगणना में 35 वार्ड के बाड़ी शहर की जनसंख्या 62721 थी। वर्तमान में जनसंख्या 75000 को पार कर गई है। 2021 में वास्तविक आंकड़े आने पर यह संख्या 80000 से भी ऊपर हो सकती है। ऐसे में नगरपालिका की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या का आंकड़ा और अन्य कैटेगरी के आधार पर 50, 000 से अधिक जनसंख्या वाली नगरपालिका को बी केटेगरी में चेंज कर दिया जाता है। जिसके लिए 20 साल पहले से बाड़ी नगर पालिका प्रशासन प्रस्ताव भेज रहा है, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में बाड़ी नगरपालिका में जो कर्मचारी बीस साल पहले तैनात थे, वही आज भी है। ना तो कर्मचारी बढ़े हैं, ना ही उनके अधिकारी बढ़ पाए हैं। बजट सहित अन्य मदों का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।
बी ग्रेड में बदले तो इन सुविधा में होगी बढ़ोतरी नगरपालिका के बी ग्रेड में बदलने पर दो तकनीकी अधिकारी बढ़ जाएंगे, जो वर्तमान में एक कनिष्ठ अभियंता के रूप में है। ऐसे में फाइलें जल्दी निपटेंगी और विकास की नई योजनाएं भी बनाकर भेजी जा सकेंगी।
दूसरी और शहर के विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए दो सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद बढ़ जाएंगे। वर्तमान में एक पद है, वह भी रिक्त पड़ा है। एक कनिष्ठ लेखाकार का पद सृजित हो सकेगा। आधा दर्जन से अधिक कनिष्क लिपिक बढ़ेंगे। शहर की सफाई करने वाले सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ सकेगी। वर्तमान में स्वीपर नहीं होने से कई वार्डो में ठेके से सफाई कराई जाती है। शहर के विकास के लिए आने वाली विभिन्न मदों की राशि में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। साथ में अधिशासी अधिकारी भी एक अधिक ग्रेड वाला मिल सकेगा। कुल मिलाकर बाड़ी की नगर पालिका जो 2000 में बी ग्रेड में बदलनी चाहिए थी, वह आज भी सी ग्रेड में पड़ी हुई है।