अफसरों की अनदेखी से कर रहे कमाई
फॉयसागर झील में सालों से पानी चोरी का सिलसिला चल रहा है। संगठित तरीके से झील से की जा रही पानी चोरी करने वालों पर प्रशासन कभी भी हाथ नहीं डाल सका है। जबकि आलम यह है कि पानी चोरों पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार विभागों को ना तो किसी शिकायत और ना ही किसी साक्ष्य की जरूरत है। झील के किनारों पर लाइन में लगे टैंकर दिन में कभी भी पानी भरते देखे जा सकते हैं। इसी तरह डीजल पंप लगाकर दूर तक पाइप के जरिये पानी को बूस्ट कर सिंचाई के काम में अवैध रूप से झील का पानी काम में लिया जा रहा है। लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
किसी को कोई डर नहीं प्रशासन की अनदेखी के चलते ही झील के पानी का अंधाधुंध दोहन कर कुछ लोगों ने झील को ही कमाई का जरिया बना लिया है। झील के तीन छोर पर पानी की चोरी धड़ल्ले से की जा रही है। नियमानुसार फॉयसागर झील के पानी का निजी उपयोग करने से पूर्व जिला प्रशासन की अनुमति जरूरी है लेकिन यहां पानी चोरी करने वालों को किसी का कोई डर नहीं है।
रात-दिन चलते हैं पंप झील के तीनों खुले छोरों पर बड़े-बड़े डीजल पंप लगा रखे हैं। रात-दिन यहां मोटरें चला कर पानी को खींचा जा रहा है। झील के कैचमेंट एरिया व बीच झील में पाइप डालकर पंप से पाइप खेतों तक जोड़े गए हैं जो कि साफ नजर भी आ रहे हैं।
बेअसर हुई एम्पावर्ड कमेटी की रोक
पूर्व में एम्पावर्ड कमेटी की ओर से पानी चोरी पर रोक भी लगाई गई जो सिर्फ कागजी ही रही। हालांकि कहने को कई बार नगर निगम की ओर से इंजन भी जब्त किए गए लेकिन वही इंजन फिर से झील तक पहुंच गए।
पूर्व में एम्पावर्ड कमेटी की ओर से पानी चोरी पर रोक भी लगाई गई जो सिर्फ कागजी ही रही। हालांकि कहने को कई बार नगर निगम की ओर से इंजन भी जब्त किए गए लेकिन वही इंजन फिर से झील तक पहुंच गए।
फैक्ट फाइल -4 किमी दायरा है झील के कैचमेंट का -20 से अधिक इंजन लगे हैं झील के किनारे -50 फीसदी रह गया है झील में पानी -60 बीघा से अधिक खेतों में सिंचाई (औसत)
300-400 फीट तक बिछा रखे हैं पाइप पानी चोरी से यह नुकसान -झील का सौंदर्य खत्म हो रहा है। -पानी कम होने पर भू-जल स्तर बढऩे की संभावना कम -निगम के राजस्व का नुकसान
-आसपास के कुंओं के रिचार्ज होने में बाधा। इनका कहना है फॉयसागर झील से पानी चोरी हो रहा है तो यह गलत है। इसकी जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी। -देवेन्द्र कुमार, आयुक्त नगर निगम