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अजमेर

सूचना किसे दें, बीट कांस्टेबल का नाम नम्बर ‘सफा ’

दीवारों से लापता हुए बीट कांस्टेबलों के नम्बर ,बार-बार शिकायतें मिलने के बाद नजर अंदाज कर रहे पुलिस अधिकारी
किसी व्यक्ति को इलाके में किसी वारदात या संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी हो तो वह सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना करता है लेकिन उसे बीट कांस्टेबल को बताना हो तो उसे पता नहीं चल पाता की इलाके में बीट कांस्टेबल कौन है। पहले क्षेत्र में बीट कांस्टेबल का नाम और मोबाइल नम्बर लिखे रहते थे, लेकिन लम्बे समय से यह सूचना दीवारों से लापता हो गई।

अजमेरDec 03, 2020 / 11:27 pm

Dilip

सूचना किसे दें, बीट कांस्टेबल का नाम नम्बर ‘सफा ’

सूचना किसे दें, बीट कांस्टेबल का नाम नम्बर ‘सफा ’

धौलपुर. किसी व्यक्ति को इलाके में किसी वारदात या संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी हो तो वह सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना करता है लेकिन उसे बीट कांस्टेबल को बताना हो तो उसे पता नहीं चल पाता की इलाके में बीट कांस्टेबल कौन है। पहले क्षेत्र में बीट कांस्टेबल का नाम और मोबाइल नम्बर लिखे रहते थे, लेकिन लम्बे समय से यह सूचना दीवारों से लापता हो गई। ये केवल शहर नहीं बल्कि जिले १४ पुलिस थानों की स्थिति है। अगर कहीं पर बीट कांस्टेबल का नाम और नम्बर भी लिखा है तो वह पुराना है और उस बीट कांस्टेबल को पूर्व में ही तबादला हो चुका है।
शहर में लम्बे समय से नहीं लिखी सूचना
शहर में बीट कांस्टेबलों की सूचना लम्बे समय से नहीं लिखी जा रही है जबकि यह जिम्मेदारी संबंधित पुलिस थाने की रहती है कि वह संबंधित बीट कांस्टेबल का नाम व मोबाइल नम्बर उस क्षेत्र में किसी सार्वजनिक स्थान पर दीवार लिखवाए या बोर्ड लगवाए। वर्तमान में शहर में गिने-चुने स्थानों पर बीट कांस्टेबलों के नम्बर लिखे हैं, वह पुराने हो चुके हैं। जिसका नाम और नम्बर लिखा है, उस कांस्टेबल का पहले ही तबादला हो चुका है। इससे लोगों को अब अपने इलाके के बीट कांस्टेबल का पता नहीं चल पाता है।
इलाके में रखता है पैनी नजर
बीट कांस्टेबल पुलिस की महत्वपूर्ण सूचना तंत्र है। यह एक तरह से पुलिस का जासूस है जो उस इलाके में घटित होने वाली गतिविधि पर नजर रखता है और उसकी सूचना थाना पुलिस एवं संबंधित अधिकारियों को देता है। इस सूचना से समय रहते पुलिस गतिविधि पर रोकने में सफल रहती है। इसमें आपराधिक गतिविधि, किसी संगठन की बैठक, विरोध-प्रदर्शन, झगड़ा होने की संभावना या किसी विषय को लेकर तनाव संबंधी स्थिति पर बीट कांस्टेबल नजर रखता है।
१०० नंबर पर भी नहीं लगता फोन
हाल में बाड़ी रोड पर लूट की वारदात के दौरान पीडि़त ने पुलिस के १०० नंबर पर भी कई बार फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा, इस दौरान आरोपी वारदात के बाद फरार हो गए। इसके बाद जैसे-तैसे पीडि़त लौटकर धौलपुर पहुंचा और थाने पहुंच कर पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मामला दर्ज कराया।
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