शहर में बीट कांस्टेबलों की सूचना लम्बे समय से नहीं लिखी जा रही है जबकि यह जिम्मेदारी संबंधित पुलिस थाने की रहती है कि वह संबंधित बीट कांस्टेबल का नाम व मोबाइल नम्बर उस क्षेत्र में किसी सार्वजनिक स्थान पर दीवार लिखवाए या बोर्ड लगवाए। वर्तमान में शहर में गिने-चुने स्थानों पर बीट कांस्टेबलों के नम्बर लिखे हैं, वह पुराने हो चुके हैं। जिसका नाम और नम्बर लिखा है, उस कांस्टेबल का पहले ही तबादला हो चुका है। इससे लोगों को अब अपने इलाके के बीट कांस्टेबल का पता नहीं चल पाता है।
बीट कांस्टेबल पुलिस की महत्वपूर्ण सूचना तंत्र है। यह एक तरह से पुलिस का जासूस है जो उस इलाके में घटित होने वाली गतिविधि पर नजर रखता है और उसकी सूचना थाना पुलिस एवं संबंधित अधिकारियों को देता है। इस सूचना से समय रहते पुलिस गतिविधि पर रोकने में सफल रहती है। इसमें आपराधिक गतिविधि, किसी संगठन की बैठक, विरोध-प्रदर्शन, झगड़ा होने की संभावना या किसी विषय को लेकर तनाव संबंधी स्थिति पर बीट कांस्टेबल नजर रखता है।
हाल में बाड़ी रोड पर लूट की वारदात के दौरान पीडि़त ने पुलिस के १०० नंबर पर भी कई बार फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा, इस दौरान आरोपी वारदात के बाद फरार हो गए। इसके बाद जैसे-तैसे पीडि़त लौटकर धौलपुर पहुंचा और थाने पहुंच कर पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मामला दर्ज कराया।