अजमेर

शिकार और पानी की तलाश : आबादी में घुस रहे पैंथर

अजमेर जिले के पहाड़ी क्षेत्र में हिंसक वन्यजीव सक्रिय, वर्ष 2020 में कई जगह मवेशियों पर हुए हमले, खरवा, घूघरा, मसूदा व भिनाय क्षेत्र में पिंजरे मेंं पैंथर को पकड़ कर भेजा था जयपुर

अजमेरJan 21, 2021 / 05:45 pm

suresh bharti

शिकार और पानी की तलाश : आबादी में घुस रहे पैंथर

अजमेर. वन क्षेत्र घट रहे हैं। कोलाहल,ध्वनि प्रदूषण और हरियाली घटने से वन्यजीव असहज हैं। पानी और शिकार की कमी के चलते पैंथर, हिरण, भालू और रोजड़े आबादी में घुसने को मजबूर हैं। साल 2020 में अजमेर जिले के जवाजा, सावर, खरवा, भिनाय, श्रीनगर, घूघरा, मसूदा सहित कई क्षेत्र में पैंथर ने मवेशियों का शिकार किया है। इनमें से कई पैंथर को तो वन विभाग ने पिंजरे में पकड़ कर जयपुर भी भिजवाया है। जानकारों की मानें तो वन क्षेत्र में पेयजल की समस्या है। शिकार की कमी आ गई। ऐसे में भूख व प्यास के चलते वन्यजीव आबादी में घुस रहे हैं। पिछले साल पशु बाड़े में घुसकर शिकार की जो घटनाएं हुई है। वह इसी बात का प्रमाण है।
पैंथर देख उड़े हाश

पंचायत समिति मसूदा के ग्राम रावला का बाडिय़ा में बुधवार को मनरेगा कार्य के दौरान पेंथर नजर आने से श्रमिकों के होश उड़ गए। अचानक पैंथर को सामने देख श्रमिकों की सांसें फूल गईं। उनके शोर मचाने पर पैंथर पहाड़ी पर चला गया। रावला का बाडिय़ा में बुधवार को गांव के पास स्थित पहाड़ी क्षेत्र में नरेगा कार्य चल रहा था। इस दौरान मेट को पहाड़ी के पास किसी जंगली जानवर के अहसास हुआ। उसने श्रमिकों को सावधान किया। इसी दौरान श्रमिकों को पहाड़ी से पैंथर आता नजर आया। श्रमिकों के हल्ला मचाया। मेट ने कनिष्ठ सहायक फिरोज काठात को मामले की जानकारी दी। उनकी सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे।
पहाड़ी क्षेत्र में लगाया पिंजरा

नरेगा स्थल के आस-पास के पहाड़ी इलाके में पैंथर की तलाश की, हालांकि पैंथर का कोई सुराग नहीं मिल सका। साथ ही पहाड़ी एवं पथरीला क्षेत्र होने से पैंथर के पगमार्क भी नहीं मिल सके। वन विभाग ने पैंथर की मौजूदगी को लेकर पहाड़ी के पास पिंजरा लगाया है। ब्यावर उपखंड के जवाजा क्षेत्र में भी सघन वन क्षेत्र हैं। यहां वन्यजीवों की काफी संख्या है। इस क्षेत्र के किसान हिंसक वन्यजीवों को लेकर खासे परेशान हैं। यहां भालू भी अच्छी तादाद में हैं।

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