जीवन के अंतिम पड़ाव में पदोन्नति का स्वाद चखने वाले 7 हैड कांस्टेबल का सपना टूट सकता है
टूट सकता है पदोन्नति का सपना, बिना प्रशिक्षण लौटाया
मनीष कुमार सिंह अजमेर. जीवन के अंतिम पड़ाव में पदोन्नति का स्वाद चखने वाले 7 हैड कांस्टेबल का सपना टूट सकता है। पदोन्नति से पहले मिली फीत उतर सकती है। विभागीय नियमानुसार उन्हें प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है, लेकिन शरीर और उम्र ने उनका साथ छोड़ दिया। ऐसे में जोधपुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल ने अजमेर व हनुमानगढ़ जिले के इन ७ हैड कांस्टेबल को बगैर ट्रेनिंग लौटा दिया है।
प्रदेश में पहली बार राजस्थान पुलिस में स्क्रीनिंग पद्धति (लाभार्थी योजना) से 6000 जवानों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति दी गई। नियमानुसार पदोन्नति के बाद प्रशिक्षण अनिवार्य है, लेकिन राज्य सरकार ने शिथिलता बरतते हुए उन्हें पदोन्नति फीत दे दी। विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार बदलते ही पुलिस मुख्यालय ने पदोन्नत हुए इन हैड कांस्टेबल के लिए प्रशिक्षण की अनिवायर्ता लागू कर दी।
IMAGE CREDIT: sudhir bundelप्रशिक्षण के दौरान हुई मौत मुख्यालय के आदेश पर जिलों में पदोन्नत हुए हैड कांस्टेबल को उदयपुर खैरवाड़ा और जोधपुर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। प्रशिक्षण के दौरान उम्र दराज दो हैड कांस्ेटबल की अचानक मृत्यु हो गई। घटना के पश्चात ट्रेनिंग स्कूल में आने वाले हैड कांस्टेबल की मेडिकल जांच की अनिवायर्ता लागू कर दी, ताकि प्रशिक्षण शुरू होने से पहले जांच हो सके।
मिल सकती है छूट मेडिकल में अनफिट हुए इन सात हैड कांस्टेबल के लिए उम्मीद की एक किरण अब भी बाकि है। सातों अब पुलिस पुलिस अधीक्षक के मार्फत पुलिस महानिदेशक से प्रशिक्षण की छूट के लिए गुहार लगा सकते हैं। गौरतलब है कि पीसीसी नियमानुसार किसी भी पद पर पदोन्नति के लिए उस पद का प्रशिक्षण लेना जरूरी है। बिना प्रशिक्षण के पद पर पदोन्नति एवं वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल सकता है।
यह हैं हैड कांस्टेबल अजमेर से सूरजभान सिंह, तेजकंवर, सुमन सोनी, नरेन्द्र यादव शामिल हैं, जबिक हनुमानगढ़ से शंकरलाल, वेदप्रकाश और भींवगिरी अनफिट हैड कांस्टेबल में शामिल हैं। जोधपुर स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल से इन सात को उनके गृह जिले के लिए रवानगी दे दी गई है।
इनका कहना है… स्वास्थ्य को लेकर इश्यू सामने आने पर प्रशिक्षण के लिए गए हैड कांस्टेबल को लौटाया है। वेतन वृद्धि के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य है। आवश्यकता पडऩे पर मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा।