थानाधिकारी सुधीर कुमार उपाध्याय ने बताया कि गत बुधवार को सत्यनारायण का खून से सना शव ग्राम नायकी के पास खेत में पड़ा मिला था। पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतक के बचपन के साथी महेन्द्र जांगिड़ निवासी घारेड़ा पुलिस थाना टोड़ारायसिंह जिला टोंक को गिरफ्तार किया था। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन के रिमाण्ड पर सौंपने के आदेश दिए गए थे।
रिमाण्ड के दौरान पुलिस पूछताछ में महेंद्र ने बताया कि मृतक की पत्नी रसीला पति सत्यनारायण को नापसंद करती थी। वह किसी तरह उससे रिश्ता खत्म करना चाहती थी, हालांकि पारिवारिक कारणों से वह इसमें कामयाब नहीं हो पा रही थी। दोनों का विवाह आटा-साटा प्रथा के तहत हुआ था। इसके चलते यदि वह अपने पति को छोड़ देती तो उसके भाई के वैवाहिक संबंध भी खराब हो जाते। इसके चलते उसने महेन्द्र से इस मामले में मदद मांगकर किसी भी तरह सत्यनारायण को उसे छोड़ने के लिए मनाने की बात कही। इस पर महेन्द्र ने रसीला को सत्यनारायण से बात कर उसे राजी करने का भरोसा दिलाया।
रची हत्या की साजिश
इसी दौरान महेन्द्र व रसीला के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। इसके चलते दोनों ने किसी तरह सत्यनारायण को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। इसी सोच के साथ महेन्द्र उसे कुछ समय पूर्व काम दिलाने के बहाने भीलवाड़ा भी ले गया और वहां उसकी हत्या की साजिश रची, लेकिन सत्यनारायण के परिजन ने उसे वापस गांव बुला लिया। ऐसे में महेन्द्र अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो सका। इसके बाद सत्यनारायण केकड़ी में कमरा किराए पर लेकर पढ़ाई करने लगा। महेन्द्र गत 28 जून को केकड़ी पहुंचा। यहां उसने बस स्टैंड इलाके में एक दुकानदार के फोन से सत्यनारायण को फोन कर बुलाया। उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर ग्राम नायकी के खेतों की तरफ सूनसान इलाके में ले गया, जहां बात करते-करते उसने चाकू से उस पर हमला कर दिया और पत्थरों से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी।