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वुमन पावर : महिलाओं को मिली कमान तो मिल रहे परिणाम

locationअजमेरPublished: Jun 29, 2022 07:34:40 am

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‘सुकन्या’ और ‘महिला पावर’ का दिखा असर, अजमेर में डाकघर व मदार पावर हाउस में महिला स्टाफ कर रहा शानदार काम

वुमन पावर : महिलाओं को मिली कमान तो मिल रहे परिणाम

वुमन पावर : महिलाओं को मिली कमान तो मिल रहे परिणाम

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. महिला सशक्तीकरण की मुंह बोलती मिसाल हैं अजमेर के दो सरकारी दफ्तर। इन दफ्तरों में अधिकारी से लेकर कार्मिक एवं सहायक कर्मचारी के पदों तक पर महिलाएं ही कार्यरत हैं। जब से इन महिलाओं ने दफ्तरों की कमान संभाली है तब से कामकाज की रफ्तार बढ़ने के साथ विभागीय योजनाओं के टारगेट भी सौ फीसदी अर्जित किए जा रहे हैं। अजमेर में कलक्ट्रेट स्थित डाकघर एवं अजमेर विद्युत वितरण निगम के मदार स्थित पावर हाउस में महिलाएं ही सारा काम संभाल रही हैं। बिजली चोरी पकड़ने में महिला एईएन, जेईएन व रेवेन्यू अधिकारियों ने बिजली चोरों के खिलाफ ऐसा मोर्चा खोला कि 102 प्रतिशत टारगेट अचीव कर लिया। वहीं डाकघर में बालिकाओं के लिए सुकन्या योजना में महिला पोस्टमास्टर व टीम ने रिकॉर्ड बनाया है।
अब बिजली चोर भी नहीं लगा पाते आरोप

एईएन मनीषा शर्मा बताती हैं कि अब डिस्कॉम के पुरुष साथी कार्मिक उन पर बेवजह लगने वाले आरोपों से भी महफूज हैं। पहले बिजली चोरी पकड़ने के दौरान लोग घर की महिलाओं को आगे कर देते थे। मारपीट करने के साथ अनर्गल आरोप लगा देते थे। लेकिन अब पावर हाउस क्षेत्र में बिजली चोरी के दौरान महिला अभियंता व महिला कार्मिक आगे चलती हैं तो ऐसी स्थिति भी नहीं बन पाती। हम बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ बेखौफ कार्रवाई कर पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र व घरेलू कनेक्शन के करीब 4000 उपभोक्ता हैं।
सभी पदों पर महिलाएं

8 मार्च 2021 को घोषणा के बाद 7 अप्रेल 2021 से मदार पावर हाउस सुचारू हुआ। यहां सभी पदों पर महिलाएं कार्यरत हैं। एक एईएन, 4 महिला जेईएन सहित कुल 19 महिला कार्मिक तैनात हैं। जो रात्रि में भी बिजली फाल्ट, बिजली चोरी आदि पर निगाह और नियंत्रण रखती हैं। मदार पावर हाउस के महिला स्टाफ ने एक वर्ष में 98 बिजली चोरियां पकड़ीं, 18.29 लाख का जुर्माना लगाकर 17.16 लाख की वसूली की है। मार्च का टारगेट 102 प्रतिशत अर्जित किया है।
बेझिझक बतातीं हैं पीड़ा, खुलवा रहीं खाते

महिला डाकघर की पीए, कार्यवाहक पोस्टमास्टर मोनिका गुप्ता ने बताया कि कुछ महिलाएं अपनी घरेलू परेशानी बताकर अपना अलग से खाता खुलवाने पहुंच रही हैं। महिलाएं हम लोगों को अपनी परेशानी बेझिझक बता रही हैं। ताकि परिवार में नशाखोरी के चलते आर्थिक रूप से ज्यादा नुकसान नहीं हो। बालिकाओं के खाते भी खुले हैं। महिला अधिकारी व कार्मिकों के चलते काम बेहतर हो रहा है।
कलक्ट्रेट डाकघर भी महिलाओं के जिम्मे

यहां एक पोस्टमास्टर, दो पीए व एक एमपीएस की पोस्ट हैं। सभी पदों पर महिला कार्मिक नियुक्त हैं। वर्ष 2013 से महिला डाकघर के रूप में संचालित है। 10 वर्ष आयुवर्ग तक की बालिकाओं के सुकन्या योजना में करीब 4500 खाते खोले गए हैं। प्रतिदिन 250 रजिस्ट्री होती हैं।

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