ये हो सकते हैं उपाय….
– कोई भी व्यक्ति शासन तक मातृ मृत्यु की सूचना दे सके इसके लिए टोल फ्री नम्बर और प्रोत्साहन राशि शुरू की जा सकती है। इसकी रिपोर्टिंग में सुधार के लिए उप्र जैसे राज्य बेहतर काम कर रहे हैं।
– एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या कोई अन्य भी मातृ मृत्यु की सूचना दें तो चिकित्सकों की टीम मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाकर, महिलाओं के बेहतर उपचार व देखभाल के साथ कमी लाने के प्रयास कर सकती है।
जीवन में जोखिम के खास कारण
– 30 प्रतिशत मौतें ज्यादा खून बहने।
– उच्च रक्तचाप, मधुमेह या संक्रमण।
– खराब हायजीन के चलते असुरक्षित गर्भपात।
– खून या अन्य पोषक तत्वों की कमी।
मातृ मृत्यु दर में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। गर्भ के दौरान महिलाएं पंजीयन जरूर कराएं। नियमित अस्पतालों में जांच, समय पर टीके लगवाएं। प्रसव घरों में नहीं करवाकर अस्पतालों में कराएं। सरकारी योजनाओं के निर्देशों का पालन करें। महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है।
डॉ. महेन्द्र जैन, स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ व प्रभारी मातृ एवं शिशु अस्पताल, सवाईमाधोपुर
– कोई भी व्यक्ति शासन तक मातृ मृत्यु की सूचना दे सके इसके लिए टोल फ्री नम्बर और प्रोत्साहन राशि शुरू की जा सकती है। इसकी रिपोर्टिंग में सुधार के लिए उप्र जैसे राज्य बेहतर काम कर रहे हैं।
– एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या कोई अन्य भी मातृ मृत्यु की सूचना दें तो चिकित्सकों की टीम मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाकर, महिलाओं के बेहतर उपचार व देखभाल के साथ कमी लाने के प्रयास कर सकती है।
जीवन में जोखिम के खास कारण
– 30 प्रतिशत मौतें ज्यादा खून बहने।
– उच्च रक्तचाप, मधुमेह या संक्रमण।
– खराब हायजीन के चलते असुरक्षित गर्भपात।
– खून या अन्य पोषक तत्वों की कमी।
मातृ मृत्यु दर में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। गर्भ के दौरान महिलाएं पंजीयन जरूर कराएं। नियमित अस्पतालों में जांच, समय पर टीके लगवाएं। प्रसव घरों में नहीं करवाकर अस्पतालों में कराएं। सरकारी योजनाओं के निर्देशों का पालन करें। महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है।
डॉ. महेन्द्र जैन, स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ व प्रभारी मातृ एवं शिशु अस्पताल, सवाईमाधोपुर