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नियमानुसार तकनीकी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेज को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन (नैब) से ब्रांचवार अथवा समूचे कॉलेज के लिए ग्रेडिंग जरूरी है। ग्रेडिंग से तकनीकी संस्थानों और इनमें संचालति ब्रांच को नए कोर्स, शोध और बजट में फायदा मिलता है। कॉलेज की इलेक्ट्रिॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग. इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट्स एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग ब्रांच ने नैब ग्रेडिंग के लिए आवेदन किया है। इसके लिए 20 मार्च को टीम दौरा करने वाली थी। यह भी पढ़ें
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कोरोना वायरस का खौफदेश में कोरोना वायरस केस मिल रहे हैं। इन परिस्थितियों में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन की टीम देश के विभिन्न संस्थानों के दौरे स्थगित कर चुकी है। इसी कड़ी में टीम ने इंजीनियरिंग कॉलेज बड़ल्या का दौरा भी स्थगित कर दिया है।
नैब टीम को 20 मार्च को दौरा करना था। देश में कोरोना वायरस केस को देखते हुए टीम ने दौरा स्थगित कर दिया है। डॉ. उमाशंकर मोदानी, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज लॉकडाउन से खुद ही बन गया नो व्हीकल डे
अजमेर. राज्य के सभी कॉलेज में 1 अप्रेल को नो व्हीकल डे खुद ही बन गया। लॉकडाउन के चलते स्वत: ही संस्थाओं में चौपहिया-दोपहिया वाहन नहीं चले। अब 14 अप्रेल के बाद स्थिति सामान्य हुई तो मई-जून में ही इसकी पालना हो सकेगी।प्रदूषण घटाने और पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनज इस साल से परिवहन मंत्रालय ने नो व्हीकल डे मनाना शुरू किया है। प्रतिमाह की पहली तारीख को परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी साइकिल अथवा पैदल दफ्तर पहुंच रहे हैं। कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने भी इसे अपनाने का फैसला किया है।
लॉकडाउन से हो गई पालना निदेशालय के आदेशानुसार 1 अप्रेल को सभी कॉलेज में नो व्हीकल डे मनाया जाना था। लेकिन 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। विद्यार्थी और शिक्षक घरों में है। ऐसे में नो व्हीकल डे की स्वत: ही लागू हो गया। आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने बताया कि प्रत्येक महीने के पहली तारीख को चौपहिया-दोपहिया वाहन नहीं चलेंगे। कॉलेज प्रशासन को विद्यार्थियों-शिक्षकों को इसके लिए प्रेरित भी करना होगा।