16-16 घंटे खड़े रह कर संभाला कान्हा को एक मासूम की कोविड के दौरान तबीयत खराब हो गई। अस्पताल में भर्ती करवाने के दौरान वेंटीलेटर पर लेना पड़ा। इस दौरान लगातार 16-16 घंटे अस्पताल में उसके पास खड़े रह कर इन माताओं ने संभाला। जब वह स्वस्थ होकर शिशु गृह पहुंचा तो इन माताओं की आंखों से खुशी के आंसूं निकल पड़े।
बुखार में रात-रात भर जागी पिछले छह माह में दो मासूम को बुखार हुआ तो रात-रात भर यह माताएं इन बच्चों के सिर पर हाथ फेरती रही। सिर पर गीली पट्टी रखकर, दवा देकर व दूध पिलाकर उन्हें मातृत्व का अहसास कराया।
जब-जब कान्हां आए…थाली से उतारी आरती शिशु गृह में जब भी कोई अनाथ व लावारिश शिशु को पुलिस-प्रशासन या संस्था ने पहुंचाया, तब यहां कान्हा की आरती उतारी जाती है। परिसर में उस दिन खुशी का माहौल होता है। मिठाई बांटी जाती है।
मां कहकर पुकारते हैं शिशुगृह की प्रबंधक फरहाना खान, अधीक्षक अदिति माहेश्वरी ने बताया कि सुनीता, प्रेमलता, कौशल्या, कौशल्या दुबे, ललिता, भंवरी, सावित्री यहां की यशोदा मैया हैं जो इन मासूम को संभाल रही हैं। यहां चार नवजात व चार बड़े बच्चे पल रह हैं। यहां के कान्हा आया को मां कहकर ही पुकारते हैं।
अलार्म की घंटी बजती…कंपकंपाते हाथों से उठाते कान्हा को. अस्पतालों में लगाए पालनागृह की अलार्म… बजने के साथ नर्सिंगकर्मीं खिड़की पर पहुंच जाती हैं, पालनागृह में छोड़े गए शिशु को कंपकंपाते हाथों से उठाकर एनआईसीयू में ले जाती हैं। बच्चे का स्वास्थ्य जांच कर उन्हें भर्ती करते हैं, पुलिस को सूचना दी जाती है। इसके बाद इन बच्चों को शिशुगृह को सुपुर्द किया जाता है।