इसके बाद उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन जिसमें मकरासन ,भुजंगासन, शलभासन करना है, इसके बाद पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन जिसमें सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन, श्वासन होंगे उसके बाद कपालभाति, प्राणायाम जिसमें अनुलोम विलोम प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम करने होंगे योग एवं प्राणायाम के पूरा होने के बाद ध्यान लगाना है। अंत में शांति पाठ करके योग दिवस का समापन किया जाएगा। डॉ. गुरप्रीत ने बताया कि योग को अपनी नित्य प्रति जीवनशैली में लाएं, ताकि आप स्वस्थ और निरोगी जीवन रहे