कॉलेज और विश्वविद्यालय के युवाओं ने आधुनिक फैशन ट्रेंड, बाइक और हाइटेक तकनीक को तेजी से अपनाया है। वह अपने स्टाइल और व्यक्तित्व को लेकर काफी गम्भीर रहते हैं। इसी कड़ी में अब सेहत के प्रति नौजवानों की जागरुकता भी दिखने लगी है।
जिम में बहाने लगे पसीना युवाओं की फिटनेस में सबसे पसंदीदा है जिम जाना। कई रिहायशी इलाकों में निजी जिम खुल चुके हैं। इनमें नौजवान छात्र-छात्राएं दो से तीन घंटे वर्कआउट करते देखे जा सकते हैं। पढ़ाई और नौकरी की व्यस्तता के चलते वे जिम जाने के लिए सुबह या शाम का वक्त निकालते हैं। अब तो चंदवरदाई खेल स्टेडियम, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में ओपन जिम भी खुल चुके हैं। यहां नौजवानों के साथ आम लोग भी नियमित कसरत करते हैं।
खेलकूद के प्रति बढ़ी रुचि पहले युवाओं की रुचि पढ़ाई करने में ज्यादा रहती थी। पिछले दस-बारह साल में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई खिलाडिय़ों ने आउटडोर और इंडोर खेलों शानदार प्रदर्शन किए हैं। इसने गांव-शहरों के कई नौजवानों को प्रेरित किया है। युवा अब पूरे साल स्टेडियम, कॉलेज-विश्वविद्यालयों अथवा कॉलोनियों के मैदानों में नजर आते हैं। क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी सहित टेबल टेनिस, बैडमिंटन, लॉन टेनिस और अन्य खेलों के प्रति उनकी रुचि बढ़ती जा रही है।
सैर-सपाटा और दौड़ युवाओं में सुबह की सैर और दौडऩे की रुचि भी तेजी से बढ़ी है। अलसुबह 5 बजे कई नौजवान शहर की प्रमुख सड़कों, अंदरूनी इलाकों, मैदानों में सैर करते दिखते हैं। कई युवा तो बाकायदा दौड़ लगाते दिखाई देते हैं। कई युवा तो दौड़ते वक्त बाकायदा मोबाइल अथवा घड़ी पर टाइम भी सेट करते हैं। ताकि उससे दौडऩे अथवा पैदल चलने की स्पीड मालूम कर सकें। योग और व्यायाम भी इसका हिस्सा बन चुका है।
खान-पान में पौष्टिक आहार को तरजीह हाइटेक युग में खान-पान के तौर-तरीके भी तेजी से बदल रहे हैं। नौजवानों में भी जागरुकता बढ़ी है। फास्ट फूड को पसंद करने वाली युवा पीढ़ी पौष्टिक आहार को तरजीह देने लगी है। स्वास्थ्यवद्र्धक ज्यूस, प्रोटीन शेक, अंकुरित चने, मूंग, दूध, हरे फल-सब्जी को उन्होंने अपनाया है। कई युवा तो डाइटेशियन और चिकित्सकों से भी संपर्क करने लगे हैं। नौजवानों में गपशप के दौरान नियमित रूप से भोजन में पौष्टिक आहार को लेकर चर्चा भी होती है।