नजर पड़ी तो भीड़ कम
दरगाह बाजार में हालात यह है कि जायरीन की आवक शुरू होते ही धीरे-धीरे भीड़ बढऩे लगी है। ऐसे में यहां खानाबदोश का जमावड़ा लग गया। यूं तो यहां दिनभर पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं लेकिन वो भी दिनभर निगरानी रखने के बजाए नजर पडऩे पर ही टोकते हैं।
शहर का संवेदनशील इलाका दरगाह बाजार, नला बाजार और उसके आसपास का क्षेत्र शहर का सबसे संवेदनशील इलाका है। लॉकडाउन 1.0 में शहर में सबसे पहले संक्रमित होने वालों में सर्वाधिक दरगाह थाना, क्लॉक टावर व कोतवाली थाना शामिल है। पुराना शहर और सघन रिहायशी इलाका होने के चलते क्षेत्र को ज्यादा संवेदनशील माना जाता रहा है।
बन जाए संक्रमण विस्फोट का कारण
अजमेर फैले खानाबदोश फिर से कोरोना संक्रमण के विस्फोट का कारण ना बन जाए। शहर के सड़क चौराहों पर फिर बड़ी संख्या में खानाबदोश नजर आने लगे हैं। यहीं नहीं सड़क, चौराहों और बाजार में खैरात मांगने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।
इनका कहना है… यह सही है कि जायरीन व खानाबदोशों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। खानाबदोशों के लिए नगर निगम को भी कहा गया है। दरगाह कमेटी को खानाबदोशों को बांटे जाने वाले लंगर को आम्बाबाव क्षेत्र में वितरण के निर्देश दिए गए हैं। जायरीन के लिए दरगाह कमेटी व खादिम समुदाय से समझाइश की जाएगी। सही है मौजूदा हालात में बढ़ती भीड़ संक्रमण के खतरे को बढ़ावा दे रही है।
रजत विश्नोई, सीओ दरगाह