scriptपत्रिका स्पेशल: 80 गोवंश की मौत के बाद भी मदद के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा, तड़प रही गोमाता | 80 Govansh died over Stray Animal Protest by farmers UP Big News | Patrika News
अलीगढ़

पत्रिका स्पेशल: 80 गोवंश की मौत के बाद भी मदद के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा, तड़प रही गोमाता

गोवंश को बचाने के लिए सीएम योगी के आदेश और अधिकारियों के प्रयासों की पोल खोल कर रख दी है इस घटना ने।

अलीगढ़Jan 04, 2019 / 04:51 pm

अमित शर्मा

Death

पत्रिका स्पेशल: 80 गोवंश की मौत के बाद भी मदद के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा, तड़प रही गोमाता

अमित शर्मा
अलीगढ़। एक तरफ योगी सरकार जहां गोवंश कटने से रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है, वहीं आवारा गोवंश को बचाना मुश्किल हो रहा है। किसान भी आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या के कारण फसल नष्ट होने के चलते सड़कों पर उतर रहे हैं। बीते दिनों कई जगहों पर आवारा गोवंश को पकड़ कर सरकारी स्कूलों और स्वास्‌थ्य केंद्रों में बंद कर दिया गया। मामला इतना गरमा गया कि मुख्यमंत्री को खुद इस मामले में आदेश देने पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को आवारा गोवंश के लिए माकूल बंदोस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह भी आदेश दिया है कि जो भी गोवंश को सरकारी स्कूलों या स्वास्थ्य केंद्रों में बंद करेगा, उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने 10 जनवरी तक गोवंश को संरक्षण केंद्रों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन आवारा पशुओं की समस्या के आगे सरकारी बंदोबस्त बौने नजर आ रहे हैं। संरक्षण तो छोड़िए किसानों द्वारा सरकारी स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों में बंद किए गए गोवंश को जिंदा बचाना भी मुश्किल हो रहा है। टप्पल और जट्टारी की श्याम पुरुषोत्तम उप गोशाला में लाए गए गोवंश की मौत का सिलसिला जारी है। अब तक तकरीबन 80 गोवंश की मौत ने मुख्यमंत्री के आदेश के अमल और प्रशासनिक स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की पोल खोल कर रखी दी है।
दरअसल बीती 29 तारीख को किसानों ने सरकारी स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गोवंश बंद कर दिए थे। इसके बाद एसडीएम खैर अरविंद कुमार मौके पर पहुंचे और गोवंश को मुक्त कराया। मुक्त कराए गोवंश को ट्रकों में भर कर श्याम पुरुषोत्तम गोशाला भेजा गया। ट्रक की क्षमता से अधिक गोवंश भरने की वजह से तकरीबन 47 गोवंश गोशाला पहुंचने से पहले ही दम तोड़ गए। कुछ गोवंश गंभीर रूप से घायल हो गए जो माकूल व्य़वस्थाओं के अभाव में गोशाला में दम तोड़ गए। अब तक तकरीबर 80 गोवंश मर चुके हैं।
क्या कहाना है गोशाला सचिव का
श्याम पुरुषोत्तम गोशाला के सचिव शिवदत्त शर्मा का कहना है दो दिन से गोवंश स्कूलों में भूखे प्यासे बंद थे। इसके बाद ट्रकों में भूसे की तरह भर कर लाए गए। करीब 47 गोवंश ट्रकों से मृत निकले। कुछ गंभीर घायल हो गए, जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया। अब तक करीब 75-80 गोवंश मर चुके हैं। जिलाधिकारी ने गोशाला को 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी है, लेकिन यह नाकाफी है। प्रशासन द्वारा अब तक करीब 800 गोवंश लाए गए हैं। गोशाला पहले से ही 50 लाख रुपए के कर्जे में है। अब गोशाला में कुल 2600 गोवंश हैं। सरकार से आर्थिक मदद के नाम पर ऊंट में जीरा मिल रहा है। लोगों के दान से गोशाला को संचालित किया जा रहा है लेकिन अब इतने गोवंश एक साथ बढ़ने से गोशाला का खर्चा बढ़ गया है, सरकार से तत्काल मदद की दरकार है।
जिलाधिकारी की मदद और जरूरत
यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिलाधिकारी द्वारा गोशाला को 2 लाख रुपए दिए हैं, जबकि 800 गोवंश भेजे गए हैं। क्या यह मदद काफी है? अगर एक गाय पर प्रतिदिन100 रुपए भी खर्च किए जाएं तो 2600 गायों के ऊपर 2,60,000 रुपए प्रतिदिन का खर्चा आएगा।
क्या कहना है एसडीएम का
वहीं इस मामले में एसडीएम खैर अरविंद कुमार का कहना है कि जट्टारी गोशाला में कोई कैजुअलटी नहीं हुई है। टप्पल में गोशाला में ट्रांसपोर्टेशन के दौरान करीब 30-35 गोवंश की मौत हुई थी। इसके बाद अन्य गोवंश की मौत की कोई सूचना नहीं है।
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