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शहर स्थित सीमा टॉकीज के पास छोटी सी दुकान में मुकेश नाम का व्यापारी पिछले कई वर्षों से कचौड़ी व समोसे बेचता है। इसके संबंध में स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो लखनऊ को शिकायत प्राप्त हुई। मामला लखनऊ से अलीगढ़ पहुंचा। अलीगढ़ वाणिज्य कर विभाग की एसआईबी के अधिकारियों ने पहले कचौड़ी वाले की दुकान की तलाश की। दुकान मिलने के बाद दो दिन तक आस-पास बैठकर बिक्री का जायजा लिया। इसके बाद विभाग की टीम 21 जून को सर्वे करने पहुंची। सर्वे की कार्रवाई शुरू हुई तो व्यापारी ने खुद ही हर माह लाखों रुपये के टर्न ओवर की बात स्वीकार कर ली। ग्राहकों की संख्या, कच्चे माल की खरीद, रिफाइंड, चीनी व गैस सिलेंडर खर्च के बारे में दुकानदार ने सभी जानकारी दे दी।
शहर स्थित सीमा टॉकीज के पास छोटी सी दुकान में मुकेश नाम का व्यापारी पिछले कई वर्षों से कचौड़ी व समोसे बेचता है। इसके संबंध में स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो लखनऊ को शिकायत प्राप्त हुई। मामला लखनऊ से अलीगढ़ पहुंचा। अलीगढ़ वाणिज्य कर विभाग की एसआईबी के अधिकारियों ने पहले कचौड़ी वाले की दुकान की तलाश की। दुकान मिलने के बाद दो दिन तक आस-पास बैठकर बिक्री का जायजा लिया। इसके बाद विभाग की टीम 21 जून को सर्वे करने पहुंची। सर्वे की कार्रवाई शुरू हुई तो व्यापारी ने खुद ही हर माह लाखों रुपये के टर्न ओवर की बात स्वीकार कर ली। ग्राहकों की संख्या, कच्चे माल की खरीद, रिफाइंड, चीनी व गैस सिलेंडर खर्च के बारे में दुकानदार ने सभी जानकारी दे दी।
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जांच में हुआ ये खुलासा
जांच में पाया गया कि कचौड़ी व्यापारी का सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक है। पिछले 10 सालों से व्यापारी कचौड़ी व समोसे का काम कर रहा है। जांच में व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं मिला, जबकि सालाना 40 लाख रुपये का टर्न ओवर करने वालों को जीएसटी में पंजीयन कराना होता है। जांच अफसरों का दावा है कि प्राथमिक जांच में ही 60 लाख टर्न ओवर सामने आया है, लेकिन विस्तृत जांच में सालाना टर्न ओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। अलीगढ़ रेंज ए एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय ने बताया कि शिकायत के आधार पर एसआईबी को एक कचौड़ी वाले की प्राथमिक जांच में सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक मिला है। व्यापारी को नोटिस जारी कर दिया गया है। विस्तृत जांच में टर्न ओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये के पार जाएगा।
जांच में हुआ ये खुलासा
जांच में पाया गया कि कचौड़ी व्यापारी का सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक है। पिछले 10 सालों से व्यापारी कचौड़ी व समोसे का काम कर रहा है। जांच में व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं मिला, जबकि सालाना 40 लाख रुपये का टर्न ओवर करने वालों को जीएसटी में पंजीयन कराना होता है। जांच अफसरों का दावा है कि प्राथमिक जांच में ही 60 लाख टर्न ओवर सामने आया है, लेकिन विस्तृत जांच में सालाना टर्न ओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। अलीगढ़ रेंज ए एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय ने बताया कि शिकायत के आधार पर एसआईबी को एक कचौड़ी वाले की प्राथमिक जांच में सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक मिला है। व्यापारी को नोटिस जारी कर दिया गया है। विस्तृत जांच में टर्न ओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये के पार जाएगा।