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जिसने देश को बांटा उसके लिए यहां कोई स्थान नहीं: ऊर्जा मंत्री
एएमयू के यूनियन हॉल में लगी है जिन्ना की तस्वीर एएमयू की नींव सन् 1875 में सर सय्यद अहमद खान द्वारा मोहम्मद एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज के रुप में रखी गई थी, जो 1920 में यूनिवर्सिटी बना। सन् 1884 में विभिन्न मुद्दों पर डिबेट के लिए एक क्लब की स्थापना की गई, जो परिसर में ही स्ट्रेची हॉल में चलता था। इसे कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी के मॉडल पर ही तैयार किया गया था। 1920 में जब ये यूनिवर्सिटी बनी, तब महात्मा गांधी ने यहां का दौरा किया। तब के छात्र संघ ने उनको आजीवन सदस्य बनाया। महात्मा गांधी एएमयू छात्र संघ के पहले आजीवन सदस्य थे। आजादी से पहले सन् 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना एएमयू आये और उनको भी छात्र संघ ने अपना आजीवन सदस्य बनाया। अभी भी एएमयू हॉल में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी है।
जिसने देश को बांटा उसके लिए यहां कोई स्थान नहीं: ऊर्जा मंत्री
एएमयू के यूनियन हॉल में लगी है जिन्ना की तस्वीर एएमयू की नींव सन् 1875 में सर सय्यद अहमद खान द्वारा मोहम्मद एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज के रुप में रखी गई थी, जो 1920 में यूनिवर्सिटी बना। सन् 1884 में विभिन्न मुद्दों पर डिबेट के लिए एक क्लब की स्थापना की गई, जो परिसर में ही स्ट्रेची हॉल में चलता था। इसे कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी के मॉडल पर ही तैयार किया गया था। 1920 में जब ये यूनिवर्सिटी बनी, तब महात्मा गांधी ने यहां का दौरा किया। तब के छात्र संघ ने उनको आजीवन सदस्य बनाया। महात्मा गांधी एएमयू छात्र संघ के पहले आजीवन सदस्य थे। आजादी से पहले सन् 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना एएमयू आये और उनको भी छात्र संघ ने अपना आजीवन सदस्य बनाया। अभी भी एएमयू हॉल में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी है।
यह भी पढ़ें EXCLUSIVE फर्जी बना दी ‘टीम अखिलेश’! सपा की कार्यकारिणी में भाजपा नेता का नाम भाजपा सांसद सतीश गौतम के सवाल से विवाद की शुरुआत अलीगढ़ से भाजपा सांसद और एएमयू के कोर्ट मेम्बर सतीश गौतम ने जिन्ना की तस्वीर पर सवाल उठाया था। 30 अप्रैल को सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को एक पत्र लिख कर पूछा कि एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगाने की क्या मजबूरी बनी हुई है। वर्तमान में पकिस्तान द्वारा गैर जरूरी हरकतें लगातार जारी हैं, ऐसे में जिन्ना की तस्वीर एएमयू में लगाए रखना कितना तार्किक है?
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आजादी से पहले की लगी है तस्वीरः फैजुल हसन इस पर एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि 1938 में आजादी से पहले जिन्ना को आजीवन सदस्यता छात्र संघ द्वारा दी गई थी। संसद के अंदर भी जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है। जब वहां तस्वीर लगी हुई है तो यहां गलत कैसे। मुगलों को देश में गाली दी जाती है और उनकी बनाई हुई चीजें यहां हैं, इस पर सवाल क्यों नहीं उठाते?
आजादी से पहले की लगी है तस्वीरः फैजुल हसन इस पर एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि 1938 में आजादी से पहले जिन्ना को आजीवन सदस्यता छात्र संघ द्वारा दी गई थी। संसद के अंदर भी जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है। जब वहां तस्वीर लगी हुई है तो यहां गलत कैसे। मुगलों को देश में गाली दी जाती है और उनकी बनाई हुई चीजें यहां हैं, इस पर सवाल क्यों नहीं उठाते?
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हिन्दूवादियों ने एएमयू में जिन्ना का पुतला फूंका दो मई को जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने एएमयू में बाबे सैयद गेट पर मोहम्मद अली जिन्ना का पुतला फूंका। इस मौके पर हिन्दूवादी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं की एएमयू के छात्रों के साथ हाथापाई की नौबत तक आ गई। वहीं दोनों तरफ से लाठी-डंडे निकल आए और एक दूसरे को मारने के लिए आतुर हो गए। मौके पर पुलिस ने बीच बचाव करके दोनों को अलग किया। एएमयू के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब हिन्दूवादी छात्र संगठन कार्यकर्ताओं ने बाबे सैयद गेट पर मोहम्मद जिन्ना का पुतला फूंका। हिंदूवादी छात्र संगठनों ने एएमयू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिससे कैम्पस में तनाव व टकराव का माहौल बन गया।
हिन्दूवादियों ने एएमयू में जिन्ना का पुतला फूंका दो मई को जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने एएमयू में बाबे सैयद गेट पर मोहम्मद अली जिन्ना का पुतला फूंका। इस मौके पर हिन्दूवादी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं की एएमयू के छात्रों के साथ हाथापाई की नौबत तक आ गई। वहीं दोनों तरफ से लाठी-डंडे निकल आए और एक दूसरे को मारने के लिए आतुर हो गए। मौके पर पुलिस ने बीच बचाव करके दोनों को अलग किया। एएमयू के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब हिन्दूवादी छात्र संगठन कार्यकर्ताओं ने बाबे सैयद गेट पर मोहम्मद जिन्ना का पुतला फूंका। हिंदूवादी छात्र संगठनों ने एएमयू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिससे कैम्पस में तनाव व टकराव का माहौल बन गया।
यह भी पढ़ें गन्ना समिति के चेयरमैन ने दलित बाबू को पीटा, वीडियो वायरल पुलिस और एएमयू छात्रों की भिड़ंत दो मई की शाम को ही इसकी प्रतिक्रिया हुई। हिन्दूवादी संगठनों के खिलाफ समूह में एफआईआर कराने जा रहे एएमयू के छात्रों का पुलिस से टकराव हो गया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े। तकरीबन एक दर्जन छात्रों के घायल हुए। गोली चली। एएमयू छात्र एबीवीपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए जब थाना सिविल लाइन की ओर बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसी पर भिड़ंत हो गई।
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हमले का आरोप एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी का कहना है कि पहले जेएनयू को टारगेट किया गया था, अब एएमयू को टारगेट किया जा रहा है। मशकूर उस्मानी का आरोप है कि आरएसएस, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिन्दू युवा वाहिनी के लोग एएमयू के अंदर तमंचे और लाठियां लेकर आये और एएमयू छात्रों को धमकाया।
हमले का आरोप एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी का कहना है कि पहले जेएनयू को टारगेट किया गया था, अब एएमयू को टारगेट किया जा रहा है। मशकूर उस्मानी का आरोप है कि आरएसएस, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिन्दू युवा वाहिनी के लोग एएमयू के अंदर तमंचे और लाठियां लेकर आये और एएमयू छात्रों को धमकाया।
तस्वीर हटाने की खबर इस बीच खबर आई कि यूनियन हॉल से जिन्ना की तस्वीर हटा ली गई है। इस पर एएमयू छात्रसंघ ने कहा कि सफाई के लिए तस्वीर उतारी गई थी।
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इनाम की घोषणा आरएसएस के कार्यकर्ता आमिर रशीद ने जिन्ना की तस्वीर हटाने पर 51,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की। यह भी कहा कि एएमयू में भारतीय शूरवीरों की तस्वीर लगाने पर एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। हिन्दू युवा वाहिनी के महानगर अध्यक्ष आदित्य पंडित ने कहा कि 48 घंटे में जिन्ना की तस्वीर नहीं हटाई तो कार्यकर्ता स्वयं हटाएंगे।
इनाम की घोषणा आरएसएस के कार्यकर्ता आमिर रशीद ने जिन्ना की तस्वीर हटाने पर 51,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की। यह भी कहा कि एएमयू में भारतीय शूरवीरों की तस्वीर लगाने पर एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। हिन्दू युवा वाहिनी के महानगर अध्यक्ष आदित्य पंडित ने कहा कि 48 घंटे में जिन्ना की तस्वीर नहीं हटाई तो कार्यकर्ता स्वयं हटाएंगे।
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बाबे सैयद गेट पर धरना दे रहे छात्र छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद एएमयू छात्र बाबे सैयद गेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे हैं। मांग है कि हिंदूवादी छात्र संगठनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करें। एएमयू छात्रों का कहना है कि हिंदूवादी छात्रों के साथ थाना सिविल लाइन की पुलिस भी थी, हिंदूवादी छात्रों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ था, जिसके चलते उन्होंने एएमयू के बाबे सैयद गेट पर जिन्ना का पुतला फूंका। एएमयू छात्र नेता नबील उस्मानी का कहना है कि पहले सुब्रमण्यम स्वामी का बयान आया फिर सांसद सतीश गौतम का बयान आया। पूर्व उपराष्ट्रपति सैयद हामिद अंसारी का कार्यक्रम एएमयू में होना था, जिसे रोकने के लिए ये रणनीति बनाई गई। एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि हिन्दूवादी संगठन एएमयू में आतंकवादियों की तरह घुसे थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमला करने की फिराक में थे। पिछले 80 सालों से जो फोटो लगी थी, तब किसी ने आवाज नहीं उठाई। सांसद सतीश गौतम स्वयं एएमयू के कोर्ट मेंबर हैं, उनको भी इस बारे में पता था। 2019 के चुनाव नजदीक हैं इसलिए इस मुद्दे को उठाया गया है।
बाबे सैयद गेट पर धरना दे रहे छात्र छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद एएमयू छात्र बाबे सैयद गेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे हैं। मांग है कि हिंदूवादी छात्र संगठनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करें। एएमयू छात्रों का कहना है कि हिंदूवादी छात्रों के साथ थाना सिविल लाइन की पुलिस भी थी, हिंदूवादी छात्रों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ था, जिसके चलते उन्होंने एएमयू के बाबे सैयद गेट पर जिन्ना का पुतला फूंका। एएमयू छात्र नेता नबील उस्मानी का कहना है कि पहले सुब्रमण्यम स्वामी का बयान आया फिर सांसद सतीश गौतम का बयान आया। पूर्व उपराष्ट्रपति सैयद हामिद अंसारी का कार्यक्रम एएमयू में होना था, जिसे रोकने के लिए ये रणनीति बनाई गई। एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि हिन्दूवादी संगठन एएमयू में आतंकवादियों की तरह घुसे थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमला करने की फिराक में थे। पिछले 80 सालों से जो फोटो लगी थी, तब किसी ने आवाज नहीं उठाई। सांसद सतीश गौतम स्वयं एएमयू के कोर्ट मेंबर हैं, उनको भी इस बारे में पता था। 2019 के चुनाव नजदीक हैं इसलिए इस मुद्दे को उठाया गया है।
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पूर्व विधायक ने दिया समर्थन चार मई को बसपा नेता और पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठे एएमयू छात्रों को खुला समर्थन दिया। अपना खून तक देने की बात कही। पुलिस लाठीचार्ज को हमला बताया। रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। धरने के दौरान छात्रों ने फोटोग्राफर मनोज अलीगढ़ी की पिटाई कर दी। उनकी कैमरा भी टूट गया।
पूर्व विधायक ने दिया समर्थन चार मई को बसपा नेता और पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठे एएमयू छात्रों को खुला समर्थन दिया। अपना खून तक देने की बात कही। पुलिस लाठीचार्ज को हमला बताया। रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। धरने के दौरान छात्रों ने फोटोग्राफर मनोज अलीगढ़ी की पिटाई कर दी। उनकी कैमरा भी टूट गया।
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जुमे की नमाज के बाद शहर मुफ्ती ने दिया ज्ञापन ऊपर कोट स्थित जामा मस्जिद में जुमा की नमाज हुई। बवाल की आशंका के चलते पुलिस ने कड़ी सुरक्षा कर रखी थी। नमाज के बाद शहर मुफ्ती ने एडीएम वित्त बच्चू सिंह को ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया है कि अलीगढ़ की गंगा जमुनी तहजीब है। छात्रों पर लाठाचार्ज निंदनीय है। राजनीति नहीं होनी चाहिए। एएमयू विश्वविख्यात विश्वविद्यालय है। इस मसले को जल्दी निपटाया जाए।
जुमे की नमाज के बाद शहर मुफ्ती ने दिया ज्ञापन ऊपर कोट स्थित जामा मस्जिद में जुमा की नमाज हुई। बवाल की आशंका के चलते पुलिस ने कड़ी सुरक्षा कर रखी थी। नमाज के बाद शहर मुफ्ती ने एडीएम वित्त बच्चू सिंह को ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया है कि अलीगढ़ की गंगा जमुनी तहजीब है। छात्रों पर लाठाचार्ज निंदनीय है। राजनीति नहीं होनी चाहिए। एएमयू विश्वविख्यात विश्वविद्यालय है। इस मसले को जल्दी निपटाया जाए।