जानकारी के अनुसार, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र ने फॉरेंसिक साइंस की क्लास के दौरान छात्रों के सामने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए पढ़ा रहे थे। उन्होंने एमबीबीएस के छात्रों को हिंदू धर्म पर आपत्तिजनक जानकारी दी है। प्रोफेसर द्वारा आपत्तिजनक पढ़ाई कराई जाने के बाद कक्षा से ही एक छात्र ने इस संबंध ट्वीट करके स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। छात्र के ट्वीट के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन-फानन में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डॉ. जितेंद्र के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब तलब करने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी।
यह भी पढ़ें-
सेंट्रल जेल नैनी में 516 कैदियों ने रखे नवरात्र व्रत तो 450 ने रोजे, जेल प्रशासन की है खास व्यवस्था माफी मांगने के बाद किया गया निलंबित वहीं, मामला तूल पकड़ते देख डॉ. जितेंद्र ने कुलपति से माफी मांग ली। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। एएमयू के एमआईसी पीआरओ प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि इंतजामिया कमेटी ने प्रथम दृष्टया मामले की गंभीरता से लेते हुए डॉ. जितेंद्र को जांच पूरी होने तक निलंबित किया है। नोटिस के जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा नेता डॉ. निशित शर्मा ने प्रोफेसर के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज करा दिया है। वहीं सपा नेत्री रुबीना खानम ने प्रोफेसर की जुबान काटने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। इस पूरे मामले पर क्षेत्राधिकारी तृतीय सिविल लाइन श्वेताभ पांडे ने बताया कि डॉ. जितेंद्र ने छात्रों के सामने प्रेजेंटेशन देते हुए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।