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पीएम मोदी से शिकायत के बाद बैकफुट पर AMU, सिलेबस से हटाई पाकिस्तानी लेखकों की किताबें

locationअलीगढ़Published: Aug 01, 2022 02:08:14 pm

Submitted by:

lokesh verma

पाकिस्तानी लेखकों की किताबें पाठ्यक्रम में पढ़ाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पत्र लिखे जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रबंधन बैकफुट पर आ गया है। एएमयू के इस्लामिक स्टडीज विभाग ने दो पाकिस्तानी लेखकों की किताबों को सिलेबस से हटा दिया है।

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पाकिस्तानी लेखकों की किताबें पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने के विरोध में 20 से अधिक शिक्षाविदों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पत्र लिखे जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रबंधन बैकफुट पर आ गया है। एएमयू के इस्लामिक स्टडीज विभाग ने दो पाकिस्तानी लेखकों की किताबों को सिलेबस से हटा दिया है। बता दें कि शिक्षाविदों ने पाकिस्‍तान के लेखक मौलाना अबुल आला मौदूदी के साथ इजिप्‍ट के सैयद कुतुम की किताबें बीए और एमए के पाठ्यक्रम पढ़ाने पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। जैसे ही इस मामले नेे तूल पकड़ा तो एएमयू के इस्‍लामिक स्‍टडीज विभाग ने किताबों को हटा दिया है।
दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इस्लामिक स्टडीज विभाग में बीए और एमए के छात्रों को पाकिस्तानी लेखकों की किताबें पढ़ाई जाती थी। इस पर आपत्ति जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मधु किश्वर समेत 20 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के कट्टर इस्‍लामिक प्रचारक मौलाना अबुल अला मौदूदी की किताब पढ़ाए जानें पर कड़ा ऐतराज जताया था। जैसे ही यह मामला सुर्खियों में आया तो एएमयू प्रशासन बैकफुट पर आ गया। काफी विचार विमर्श के बाद एएमयू के इस्लामिक स्टडीज विभाग ने सिलेबस से किताबों को हटाने का फैसला लिया है।
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इन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रहीं पुस्‍तकें

शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में बताया था कि एएमयू के साथ जामिया मिलिया इस्‍लामिया और हमदर्द विश्वविद्यालय के साथ राज्‍य द्वारा वित्‍त पोषित कई यूनिवर्सिटी में पाकिस्तानी लेखकों की पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं। उन्‍होंने पाकिस्‍तानी कट्टर इस्‍लामिक प्रचारक व जमात-ए-इस्‍लामी के संस्‍थापक मौलाना अबुल अला मौदूदी की पुस्तकों को पढ़ाए जाने पर विशेष तौर से सवाल उठाए थे।
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जानिए कौन है मौलाना मौदूदी

मौलाना अबुल आला मौदूदी का जन्म 25 सितंबर 1903 को हैदराबाद में हुआ था। मौदूदी जमात-ए-इस्‍लामी हिंद की संस्‍थापकों में से एक हैं। मौदूदी 1942 से 1967 तक पाकिस्तान की कई जेलों में भी बंद रहे। मौदूदी ने 100 से अधिक किताब लिखी हैं, जिनका 40 देशों की भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। मौदूदी का 1979 में न्‍यूयार्क में इंतकाल हो गया था। जबकि सैयद इब्राहिम हुसैन उर्फ सैयद कुतुब इजिप्‍ट (मिस्र) के रहने वाले थे। 1966 में कुतुब को मिस्र के राष्ट्रपति जमात अब्देल नासिर की हत्या की साजिश में दोषी पाया गया था और फांसी पर लटका दिया था।
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