दरअसल, मामला अलीगढ़ के महुआ खेड़ा थाना क्षेत्र के ग्रीन पार्क अपार्टमेंट का है, जहां 11वीं में पढ़ने वाले एक छात्र ने फ्लैट में फांसी के फंदे से झूल कर आत्महत्या कर ली। छात्र का पिता सीए की नौकरी करते हैं। छात्र ने आत्महत्या की घटना को अंजाम तब दिया जब फ्लैट पर कोई मौजूद नहीं था। आत्महत्या वाले कमरे से छात्र के कॉपी में एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने लिखा है कि “आई एम सॉरी मम्मी-पापा, आई हैव लेट यू डाउन” (मुझे माफ कर देना मम्मी-पापा, मैंने आपको नीचा दिखाया है)। मामले की जानकारी देते हुए ग्रीन पार्क अपार्टमेंट निवासी अमित निर्मल ने बताया कि उनके दो बेटे हैं, बड़ा बेटा 16 वर्षीय दक्ष शहर के एक स्कूल में 11वीं का स्टूडेंट हैं। शनिवार को अमित अपनी पत्नी के साथ मसूरी घूमने गए थे, और छोटा बेटा स्कूल टूर पर पुणे गया था। सोमवार देर रात जब दंपति अपने घर वापस लौटे तो काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। दरवाजा न खुलने पर शक हुआ तो उन्होंने अपने पड़ोसी के बालकनी में जाकर दरवाजा खोला और अंदर जाकर देखा तो दंग रह गए।
अंदर दक्ष पंखे से लटका हुआ था। आनन-फानन में दक्ष को फंदे से नीचे उतारा गया और पुलिस को घटना की सूचना दी गई। फिर छात्र को क्वारसी के नर्सिंग होम ले गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने कमरे की छानबीन शुरू की तो उसके स्कूल के कॉपी में एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने लिखा था कि मुझे माफ कर देना मम्मी-पापा, मैंने आपको दिचा दिखाया। पुलिस ने सुसाइड नोट सीज कर लिया। और मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव को परिवार वालों को सौंप दिया।
अभी तक सुसाइड के पीछे का कारण का पता नहीं चल पाया है। परिवार से मिली जानकारी के अनुसार यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि छात्र अपने हाईस्कूल में प्राप्त 95% अंक से नाखुश था। छात्र ने 97% रिजल्ट आने की उम्मीद की थी। हालांकि परिवार वालों ने बताया कि घरवालों के तरफ से नंबर को लेकर कोई टोकाटाकी नहीं थी और न ही उससे किसी ने कुछ पूछा था। लेकिन छात्र ने सुसाइड क्यों किया इसके पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इन सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है। अभी फिलहाल यह माना जा रहा है कि कम नंबर मिलने के कारण ही छात्र ने खुदकुशी कर ली।
देहदान कर्तव्य संस्था के पदाधिकारी व भुवनेश आधुनिक ने बताया कि उनके परिवार की ओर से बच्चे की नेत्रदान की खबर पर वे पोस्टमार्टम केंद्र पहुंचे, जहां परिवार ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में होनहार था। और वह अक्सर कहता था कि वह अपनी आंखें दान करेगा। और बेटे की इच्छा के चलते ही यह फैसला लिया गया है। परिवार की सहमति पर ही मेडिकल टीम बुलाई गई और छात्र के नेत्र दान की प्रक्रिया कराई गई और परिवार को प्रमाणपत्र सौंप दिया गया। जांच के दौरान छात्र का कंप्युटर खुला मिला जिसमें गेम चल रहा था और इयरफोन लगे हुए थे। पुलिस ने आशंका जताई है कि मौत के पीछे की वजह गेम में हार भी हो सकती है। फिलहाल मामले की जांच हो रही है।
एएसपी/सीओ द्वितीय पुनीत द्विवेदी ने बताया कि ग्रीन पार्क अपार्टमेंट में किशोर की आत्महत्या के बाद हुई जांच में एक सुसाइड नोट मिला है। मृतक के लैपटॉप और मोबाईल की जांच की जा रही है। मामले में परिवार का भी किसी तरह का कोई आरोप नहीं है। तथ्यों के सामने आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।