कॉलेज प्रशासन ने बताया हड़ताल को अवैध
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने के साथ ही अन्य मांगों को लेकर दिये जा रहे धरने और भूख हड़ताल को कॉलेज प्रशासन ने अवैध करार दिया हैं और धरने को तत्काल वापस लेने के लिए कहा है। हड़ताल खत्म न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी बात कही गई है। जिसके बाद जूनियर डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज प्रशासन की आपस में ठन गई है।
कॉलेज के प्रिंसिपल और सीएमएस प्रो.एससी शर्मा ने बताया कि भूख हड़ताल के चलते प्रशासनिक कामों और कॉलेज लाइब्रेरी के कामों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन हड़ताल करने वाले डॉक्टर और इंटर्न की समस्याओं को समाधान को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।
अधिकारियों के साथ होगी बैठक
एएमयू के वित्त अधिकारी ने हड़ताल को लेकर कहा कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल्लाह आजमी ने डॉक्टर्स और इंटर्न द्वारा की जा रही इस हड़ताल को वैध बताया । उन्होंने कहा कि धरने से पहले प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई थी । अब तक धरना स्थल तक प्रिंसिपल नहीं आए हैं । कुलपति को इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं ।
एएमयू के वित्त अधिकारी ने हड़ताल को लेकर कहा कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल्लाह आजमी ने डॉक्टर्स और इंटर्न द्वारा की जा रही इस हड़ताल को वैध बताया । उन्होंने कहा कि धरने से पहले प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई थी । अब तक धरना स्थल तक प्रिंसिपल नहीं आए हैं । कुलपति को इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं ।