हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की निशुल्क सर्जरी
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक विभाग के चैयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग ने बताया कि इस समझौते के बाद हृदय रोग से पीड़ित निर्धन व निर्बल आय वर्ग के बच्चों की निःशुल्क सर्जरी संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर वर्ष लगभग एक लाख बच्चे ऐसे पैदा होते हैं जिनको जन्मजात हृदय रोग होता है। इन बच्चों को उचित हृदय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है। मगर आर्थिक संकट के चलते इनके अभिभावक सर्जरी व इलाज नहीं करा पाते। प्रोफेसर बेग ने बताया कि इंग्लैंड की टीम वर्ष में कम से कम एक बार यहां आकर बच्चों की सर्जरी अंजाम देगी। उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता के साथ गरीब तबके के मरीजों को सस्ता इलाज भी मुहैया हो रहा है।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक विभाग के चैयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग ने बताया कि इस समझौते के बाद हृदय रोग से पीड़ित निर्धन व निर्बल आय वर्ग के बच्चों की निःशुल्क सर्जरी संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर वर्ष लगभग एक लाख बच्चे ऐसे पैदा होते हैं जिनको जन्मजात हृदय रोग होता है। इन बच्चों को उचित हृदय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है। मगर आर्थिक संकट के चलते इनके अभिभावक सर्जरी व इलाज नहीं करा पाते। प्रोफेसर बेग ने बताया कि इंग्लैंड की टीम वर्ष में कम से कम एक बार यहां आकर बच्चों की सर्जरी अंजाम देगी। उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता के साथ गरीब तबके के मरीजों को सस्ता इलाज भी मुहैया हो रहा है।
अप्रैल में हुआ था सफल आॅपरेशन
आपको बता दें कि पिछले अप्रैल माह में हीलिंग लिटिल हार्ट के चिकित्सकों की टीम जिसका नेतृत्व बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद नसर ने किया था, ने जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर बेग और डॉ. एम. आजम हसीन के साथ मिलकर बच्चों की सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। रोगियों को एनेस्थीसिया डॉ. शमीम गौहर, डॉ. एल. एन. मशायन, डॉ. नदीम रज़ा और डॉ. मुनाजिर अथर ने दिया। यह बच्चे उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों से थे, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में उपचार नहीं मिल सका था। इन बच्चों की एंजियोग्राफी बाल एवं शिशु रोग विभाग के शाद अबकरी, डॉ. कामरान मिर्जा और डॉ. नील सेलर ने की थी। जबकि डॉ. शहजाद आलम, डॉ. शम्सुल जुहा और डॉ. इम्मा सिम्पसन ने आॅपरेशन के बाद बच्चों की देख-भाल की।
जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसपिल प्रोफेसर एससी शर्मा ने इन सफल आॅपरेशन पर चिकित्सकों को बधाई दी।
आपको बता दें कि पिछले अप्रैल माह में हीलिंग लिटिल हार्ट के चिकित्सकों की टीम जिसका नेतृत्व बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद नसर ने किया था, ने जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर बेग और डॉ. एम. आजम हसीन के साथ मिलकर बच्चों की सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। रोगियों को एनेस्थीसिया डॉ. शमीम गौहर, डॉ. एल. एन. मशायन, डॉ. नदीम रज़ा और डॉ. मुनाजिर अथर ने दिया। यह बच्चे उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों से थे, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में उपचार नहीं मिल सका था। इन बच्चों की एंजियोग्राफी बाल एवं शिशु रोग विभाग के शाद अबकरी, डॉ. कामरान मिर्जा और डॉ. नील सेलर ने की थी। जबकि डॉ. शहजाद आलम, डॉ. शम्सुल जुहा और डॉ. इम्मा सिम्पसन ने आॅपरेशन के बाद बच्चों की देख-भाल की।
जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसपिल प्रोफेसर एससी शर्मा ने इन सफल आॅपरेशन पर चिकित्सकों को बधाई दी।
इनके सहयोग से हुआ करार
हीलिंग लिटिल हार्ट्स के साथ एएमयू का समझौता एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर, सहकुलपति प्रोफेसर तबस्सुम शहाब तथा एएमयू के पूर्व छात्र डॉ. शम्सुलजुहा जो इंग्लैंड में बच्चों के हृदय रोग विशेषज्ञ हैं, के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस समझौते पर एएमयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर जावेद अख्तर , जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक विभाग के चैयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग और डॉ. आजम हसीन तथा हीलिंग लिटिल हार्ट की ओर से एचएलएच कंसलटेंट डॉ. संजीव निचानी और डॉ. शम्सुलजुहा ने हस्ताक्षर किये।
हीलिंग लिटिल हार्ट्स के साथ एएमयू का समझौता एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर, सहकुलपति प्रोफेसर तबस्सुम शहाब तथा एएमयू के पूर्व छात्र डॉ. शम्सुलजुहा जो इंग्लैंड में बच्चों के हृदय रोग विशेषज्ञ हैं, के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस समझौते पर एएमयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर जावेद अख्तर , जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक विभाग के चैयरमैन प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग और डॉ. आजम हसीन तथा हीलिंग लिटिल हार्ट की ओर से एचएलएच कंसलटेंट डॉ. संजीव निचानी और डॉ. शम्सुलजुहा ने हस्ताक्षर किये।