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इसका नजारा वरिष्ठ फोटो पत्रकार मनोज अलीगढ़ी को दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर वार्ड नंबर 9 (बच्चा वार्ड) में देखने को मिला। इस वार्ड में एक नर्स और एक वार्ड अटेंडेंट के सहारे पूरा वार्ड चल रहा है। इस वार्ड में भर्ती मरीज इन्हीं दोनों के भरोसे है। 27 बैड के वार्ड में एक बैड पर चार-चार मरीज एडजस्ट कर दिए गए हैं। पूरे वार्ड में किसी भी बैड पर बैडशीट नहीं है। मरीजों के तीमारदारों से भरा हुआ वार्ड देखकर पता नहीं चलता कि मुसाफिर खाना है या बच्चा वार्ड। यहां तक कि गर्मी से बचाने के लिए लगे कूलर की दुर्गंधदार हवा दम घोंट रही है। जमीन पर पड़े कूड़े में चूहे घूमते नजर आ जाएंगे। वहीं वार्ड के सामने ही बच्चों को मल-मूत्र कराया जा रहा है, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
इसका नजारा वरिष्ठ फोटो पत्रकार मनोज अलीगढ़ी को दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर वार्ड नंबर 9 (बच्चा वार्ड) में देखने को मिला। इस वार्ड में एक नर्स और एक वार्ड अटेंडेंट के सहारे पूरा वार्ड चल रहा है। इस वार्ड में भर्ती मरीज इन्हीं दोनों के भरोसे है। 27 बैड के वार्ड में एक बैड पर चार-चार मरीज एडजस्ट कर दिए गए हैं। पूरे वार्ड में किसी भी बैड पर बैडशीट नहीं है। मरीजों के तीमारदारों से भरा हुआ वार्ड देखकर पता नहीं चलता कि मुसाफिर खाना है या बच्चा वार्ड। यहां तक कि गर्मी से बचाने के लिए लगे कूलर की दुर्गंधदार हवा दम घोंट रही है। जमीन पर पड़े कूड़े में चूहे घूमते नजर आ जाएंगे। वहीं वार्ड के सामने ही बच्चों को मल-मूत्र कराया जा रहा है, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
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हद तो तब हो गई जब पेयजल की टंकी पर मरीजों के तीमारदार मल-मूत्र के कपड़े धोते हुए दिखाई दिए। बता दें कि 20 मई को 41 मरीज, 21 मई को 34 मरीज, 22 मई को 80 और बुधवार 23 मई को 3 बजे तक 41 मरीजों इस वार्ड में रजिस्टर के अनुसार भर्ती हुए। अस्पताल के इस वार्ड में व्यवस्थाओं की लाइव तस्वीरें स्वयं बता रही हैं कि यह वार्ड खुद ही कितना बीमार है। क्या मोदी-योगी सरकार के कुशल स्वास्थ्य के दावे सच साबित हो रहे हैं?
हद तो तब हो गई जब पेयजल की टंकी पर मरीजों के तीमारदार मल-मूत्र के कपड़े धोते हुए दिखाई दिए। बता दें कि 20 मई को 41 मरीज, 21 मई को 34 मरीज, 22 मई को 80 और बुधवार 23 मई को 3 बजे तक 41 मरीजों इस वार्ड में रजिस्टर के अनुसार भर्ती हुए। अस्पताल के इस वार्ड में व्यवस्थाओं की लाइव तस्वीरें स्वयं बता रही हैं कि यह वार्ड खुद ही कितना बीमार है। क्या मोदी-योगी सरकार के कुशल स्वास्थ्य के दावे सच साबित हो रहे हैं?
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