फर्जी अंकपत्र मामला: SIT ने किया बड़ा खुलासा, 60 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर
कृषि विभाग के मुताबिक पाकिस्तान और भारत के पंजाब प्रांत से राजस्थान होकर टिड्डियों का प्रकोप राजस्थान से सटे राज्यों की ओर बढ़ रहा है। इसका भोजन वनस्पति है। इस कारण टिड्डियों के हमले पेड़, पौधों और फसलों को नुकसान हो सकता है। इसलिए कृषि विभाग की टीम पहले से ही सक्रिय हो गई है ताकि बचाव के उपाय किए जा सकें। किसानो को इसके परिणामों और बचाव के उपायों से जागरुक किया जा रहा है।शायर मुनव्वर राणा की बेटी बोलीं- जिस हिंदुस्तान में हम सांस ले रहे, वो भयानक है, यूपी पुलिस चोर
ये हैं लक्षण-पत्तों का रंग बदलना
-पत्ते पीले पड़ जाना
-रातों रात पत्ते कम होना
-पत्ते कट छंटे नजर आना किसानों को दिए जा रहे ये सुझाव
– टिड्डियों के हमले से पूर्व ही विषैली औषधियों का छिड़काव कर दें
– बेंजीन हेक्साक्लोराइड मिश्रण से भीगी गेहूं की भूसी का फैलाव करें
– शाम के समय खेतों में ध्वनि उत्पन्न कर इन्हें बैठने न दें
– फसल के चारों ओर मशाल जलाकर प्रकाश की व्यवस्था रखें
– मिथाइल पैराथियान का 25-30 किग्रा प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें