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Gyanvapi mosque dispute : औरंगजेब ने ही तोड़े थे मथुरा-काशी के मंदिर, पद्म भूषण इरफान हबीब ने बताई पूरी सच्चाई

locationअलीगढ़Published: May 23, 2022 03:40:21 pm

Submitted by:

lokesh verma

Gyanvapi mosque dispute : पद्म भूषण से सम्मानित प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब का कहना है कि औरंगजेब ने काशी और मथुरा के मंदिर तोड़कर गलत काम किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की मंशा क्या है? क्या उसी तरह सरकार भी गलत काम करेगी।

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Gyanvapi mosque dispute : औरंगजेब ने ही तोड़े थे मथुरा-काशी के मंदिर, पद्म भूषण इरफान हबीब ने बताई पूरी सच्चाई।

Gyanvapi mosque dispute : प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब का कहना है कि मंदिर तोड़कर औरंगजेब ने गलत काम किया था, वैसे ही अब सरकार भी क्या गलत काम करेगी? हबीब ने स्पष्ट तौर पर कहा हैं कि औरंगजेब ने ही कोशी और मथुरा के मंदिर तोड़े थे और उस जमाने में छुपकर काम नहीं होते थे।.इतिहास की तारीख में मंदिर तोड़ने की घटना दर्ज है। हिंदू मंदिर के प्रतीक ज्ञानवापी मस्जिद में पाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी पुराने समय में मस्जिद या मंदिर बने तो उनमें बौद्ध विहारों के पत्थर लगाए गए तो क्या मंदिरों को भी तोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बहुत से मंदिर भी टूट जाएंगे, क्योंकि उसमें बौद्ध धर्म के पत्थर लगाए गए हैं। हालांकि इरफान हबीब ने यह भी कहा कि मैं इतिहासकार हूं, पॉलिटिक्स नहीं करता हूं।
प्रोफेसर इरफान हबीब ने स्पष्ट तौर पर बताया कि बनारस का मंदिर औरंगजेब ने तोड़ा था और मथुरा का भी मंदिर इसमें शामिल है। जिसे राजा वीर सिंह बुंदेला ने जहांगीर के शासनकाल में बनवाया था। उन्होंने बताया कि यह दो मंदिर प्रमुख हैं, जिन्हें औरंगजेब ने तोड़ा था और इसमें कोई दो राय नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो चीज 1670 में बन गई हो, क्या अब उसे तोड़ सकते हैं। यह स्मारक एक्ट के खिलाफ है।
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‘शिवलिंग बनाने का एक कायदा होता है’

प्रोफेसर इरफान हबीब ने बताया कि ज्ञानवापी में शिवलिंग की बात कही जा रही है, लेकिन जो याचिका दाखिल की गई थी उसमें जिक्र नहीं था। शिवलिंग बनाने का एक कायदा होता है। हर चीज को शिवलिंग नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि जो मुकदमा दायर किया गया। उसमें शिवलिंग का जिक्र नहीं था, लेकिन अब शिवलिंग को मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले जब मंदिर तोड़े गए, तो उसके पत्थर मस्जिदों में इस्तेमाल किए गए। हबीब ने बताया कि बहुत से मंदिरों में भी बौद्ध धर्म से जुड़े पत्थर मिल जाएंगे। राणा कुंभा का चित्तौड़ में बड़ा मीनार है। उसके एक पत्थर पर अरबी में ‘अल्लाह’ लिखा है तो उसे मस्जिद नहीं कह सकते।
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जानिए कौन हैं इरफान हबीब

इरफान हबीब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। 90 वर्षीय इरफान हबीब दुनिया भर की यूनिवर्सिटीज में लेक्चर देने के लिए बुलाए जाते हैं। इरफान हबीब मध्यकालीन इतिहास के बड़े जानकार हैं। उनको पढ़े बिना मध्यकालीन इतिहास का सिलेबस पूरा नहीं हो सकता। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही इरफान हबीब हिंदुत्व और मुस्लिम सांप्रदायिकता के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं। मुगल हिस्ट्री पर उनकी दर्जनों किताबें हैं।
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