scriptइस बीमारी की दवा अभी तक नहीं खोजी जा सकी, फिर क्या करें | International Alzheimer's Day in Aligarh Muslim University AMU | Patrika News
अलीगढ़

इस बीमारी की दवा अभी तक नहीं खोजी जा सकी, फिर क्या करें

नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर, मानेसर, हरियाणा के प्रो. शिव कुमार ने कहा- सामाजिक रूप से सक्रिय रहना तथा अच्छी नींद लेना लाभदायक

अलीगढ़Sep 24, 2019 / 08:26 pm

धीरेंद्र यादव

अलीगढ़। नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर, मानेसर, हरियाणा के प्रो. शिव कुमार ने अल्जायमर रोग पर प्रसार व्याख्यान प्रस्तुत किया। कहा कि अल्जायमर के रोगी को लगातार व्यायाम करना चाहिये तथा स्वास्थ्य वर्धक पोषण पर विशेष ध्यान आकर्षित करना चाहिये। उन्होंने कहा कि अल्जायमर की अभी कोई उचित चिकित्सा नहीं खोजी जा सकी है। वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि लगातार व्यायाम, स्वास्थ्यवर्धक पोषण, अधिक से अधिक फलों एवं सब्जियों के प्रयोग से इस रोग का खतरा कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक रूप से सक्रिय रहना तथा अच्छी नींद लेना भी लाभदायक है।
ये बोले प्रोफेसर
प्रो. शिवकुमार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के इंटरडिसीप्लीनरी ब्रेन रिसर्च सेंटर (आईबीआरसी) द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय अल्जायमर दिवस मनाने का उद्देश्य इस रोग के संदर्भ में आमजनों में जागृति उत्पन्न करना है। बहुत से लोग अल्जायमर रोग को एक मानसिक समस्या समझते हैं जबकि वास्तविकता यह नहीं है।
855804294_168435.jpg
भारत में चार मिलियन को बीमारी
उन्होंने कहा कि मस्तिष्क के सुकड़ने से डिमेंशिया अथवा भूलने का रोग होता है, उसे अल्जायमर का एक संकेत कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका की अल्जायमर एसोसिएशन के अनुसार भारत में 4 मिलियन से अधिक लोग किसी न किसी रूप में डिमेंशिया से ग्रस्त पाए जाते हैं। अर्थात विश्व के कुल रोगियों में से 10 प्रतिशत भारत में पाए जाते हैं। उन्होंने अल्जायमर्स डिसीज़ इंटरनेशनल (एडीआई) की रिपोर्ट की भी चर्चा की।
सकारात्मक पहल
मेडिसिन संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एससी शर्मा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि शोधार्थियों ने अल्जायमर तथा डिमेंशिया की चिकित्सा के संदर्भ में सकारात्मक पहल की है जिसके आशातीत परिणाम हैं। आईबीआरसी के समन्वयक प्रो. आसिफ अली ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि अन्तरराष्ट्रीय अल्जायमर दिवस पर जागृति कार्यक्रमों से आमजनों को इस रोग को समझने तथा पहचानने में आसानी होगी। कार्यक्रम के अन्त में डॉ. मेहदी हयात शाही ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर क्विज तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियेागिता का भी आयोजन किया गया। एमबीबीएस के छात्र व छात्राओं ने भाग लिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो