ये है पूरा मामला
थाना क्वार्सी क्षेत्र के केला नगर के पास बेगपुर में स्थित यह स्कूल सन् 1960 से किराए के भवन में संचालित हो रहा था। इस स्कूल का किराया 40 रुपये महीना है। लेकिन जिस जगह पर ये स्कूल बना है वहां के मालिक संजय ने प्रधानाचार्य और बेसिक शिक्षा विभाग को बिना बताए ही स्कूल की छत को तोड़ दिया। अगली दिन जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो देखा कि स्कूल की छत गायब है और उनके बैठने की जगह चारों ओर मलबा बिखरा पड़ा है। ऐसे में स्कूल की प्रधानाचार्य हेमा ने खंड शिक्षा अधिकारी हेमलता को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची खंड शिक्षा अधिकारी ने मकान मालिक संजय से पूरे मामले में जवाब तलब किया। वहीं मकान मालिक संजय का कहना है कि वह उसकी जमीन है और वो जो चाहे वहां कर सकता है।
थाना क्वार्सी क्षेत्र के केला नगर के पास बेगपुर में स्थित यह स्कूल सन् 1960 से किराए के भवन में संचालित हो रहा था। इस स्कूल का किराया 40 रुपये महीना है। लेकिन जिस जगह पर ये स्कूल बना है वहां के मालिक संजय ने प्रधानाचार्य और बेसिक शिक्षा विभाग को बिना बताए ही स्कूल की छत को तोड़ दिया। अगली दिन जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो देखा कि स्कूल की छत गायब है और उनके बैठने की जगह चारों ओर मलबा बिखरा पड़ा है। ऐसे में स्कूल की प्रधानाचार्य हेमा ने खंड शिक्षा अधिकारी हेमलता को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची खंड शिक्षा अधिकारी ने मकान मालिक संजय से पूरे मामले में जवाब तलब किया। वहीं मकान मालिक संजय का कहना है कि वह उसकी जमीन है और वो जो चाहे वहां कर सकता है।
स्कूल टूटने के बाद की सड़क पर पढ़ाई
इस पूरे मामले में मौके पर पहुंची खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि भवन मालिक को नोटिस दिया जा रहा है और बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को इस घटना से अवगत करा दिया गया है। इस विद्यालय में करीब 110 छात्र पढ़ते हैं। लेकिन स्कूल टूटने के बाद इन बच्चों ने सड़क पर बैठकर पढ़ाई की। खंड शिक्षा अधिकारी हेमलता का कहना है कि स्कूल तोड़ने से पहले विधिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। पहले विभाग को नोटिस देने के बाद प्रधानाचार्य और खंड शिक्षा अधिकारी को सूचित किया जाना चाहिए था। अब इस पूरे प्रकरण के बाद छात्रों के बैठने का वैकल्पिक इंतजाम कराया जाएगा। शहर में कुल 105 परिषदीय विद्यालय है, जिनमें से 23 विद्यालय किराये के भवन में चलते हैं।