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जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने के कुछ घंटों बाद Mayawati ने गजराज विमल को बसपा से निकाला, जानिए वजह!

locationअलीगढ़Published: Dec 23, 2019 02:45:40 pm

Submitted by:

suchita mishra

 
अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप।

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अलीगढ़। बसपा के जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने के महज 24 घंटे बाद ही गजराज विमल को बसपा से निष्कासित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान उनके कार्य से संतुष्ट नहीं था। इसके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष पर अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
एक माह पहले बने थे जिलाध्यक्ष
गजराज विमल को एक माह पहले ही बसपा जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी। बताया जा रहा है कि मायावती पार्टी फंड व अन्य मुद्दों को लेकर उनसे संतुष्ट नहीं थी। इसी कारण शुक्रवार को लखनऊ में हुई बैठक में उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय लिया गया था। उनकी जगह पार्टी हाईकमान ने मुकेश चंद्रा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अगले ही दिन शनिवार को जिला कार्यालय की ओर से गजराज विमल को अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से निष्कासित करने की सूचना जारी की गई।
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इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न सूत्रों से जांच कराए जाने के बाद गजराज पूर्व में चेतावनी भी दी गई, लेकिन फिर भी उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्रा का कहना है कि पार्टी हाईकमान से इस संबंध में निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में कई वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया गया, मगर वे बयान देने से बचते रहे। हालांकि गजराज विमल ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए खुद को पार्टी का अनुशासित सिपाही बताया और साथ ही इस मामले में मायावती से मिलकर अपना पक्ष रखने की बात कही।

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