जानें पूरा मामला जानकारी के अनुसार जनपद के छिपैटी निवासी अजय कुमार ने बताया कि उनका भाई विजय आवास विकास कॉलोनी में रहता था। जहां तबीयत बिगड़ने पर उसे अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। लेकिन 8 नवंबर 2019 को उसकी मृत्यु हो गई थी। परिवार के आवेदन पर 21 नवंबर 2019 को नगर निगम ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। 29 जुलाई 2020 को जब प्रमाण पत्र आवास विकास कॉलोनी में दाखिल किया गया तो पता चला कि उसके भाई के नाम पर 21 जुलाई 2020 को एक महिला ने प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी कराया है, जिसमें मृत्यु का स्थान मेडिकल कॉलेज दिखाया है। मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर महिला ने मकान पर ग्रह नामांतरण भी कराया है। इस मामले में नगर निगम में लगातार शिकायत की जा रही थी, जिसपर अब नगर निगम से जवाब दिया गया है कि दोनों में से कौन सा प्रमाण पत्र वैध है इसके लिए आपको न्यायालय की शरण लेनी होगी।
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अदालत में सिर्फ खड़े होने की इतनी फीस वसूलते हैं Kapil Sibal, अब तक इन बड़े नेताओं का लड़ चुके केस नगर निगम कर रहा टालमटोली पीड़ित अजय कुमार ने इस पूरे मामले पर अलीगढ़ के कमिश्नर गौरव दयाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत की है। अजय कुमार ने आरोप लगाया है कि पिछले दो साल से नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी लगातार उसे टहला रहे थे। ज्यादा दबाव बनाया गया तो उन्होंने कोर्ट न जाने की बात कही है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं नगर निगम के अधिकारियों ने महिला के साथ सांठगांठ करते हुए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है।
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अखिलेश से नाराजगी के बीच शिवपाल-आजम की सीक्रेट मीटिंग, जाने क्या है आखिर माजरा पीड़ित ने की कार्रवाई की मांग उधर, इस पूरे मामले पर जब नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एमके माथुर से बात की गई तो उन्होंने उक्त प्रकरण के बारे में संज्ञान नहीं होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर प्रकरण संज्ञान में आता है तो वह संबंधित पटल से इसकी जानकारी लेंगे।