विवि के कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने नवीन प्रवेशार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके माता-पिता आपके बचपन से ही आपका विकास करते है। इसी प्रकार शिक्षक भी आपके भविष्य को सुधारने और आपके सर्वांगीण विकास करने में एहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता हथौड़े और शिक्षक छैनी की तरह होते हैं, अब आप उसे अपने आप को निहारने के लिए किस प्रकार इस्तेमाल करते हैं, ये आपके हाथ में हैं। उन्होंने कहा कि विवि मूल्यनिष्ठ शिक्षा से निर्मित और शिक्षा के साथ उनके व्यक्त्तिव का निर्माण करता है। इसलिए इसके प्रति श्रद्धा रखें। साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावकों से भी उनके सफल जीवन निर्माण में सहयोग करने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों से अपना लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित करने और फिर उसे हासिल करने के लिये अथक प्रयास करने का आह्वान किया।
कुलसचिव प्रो. शिवाजी सरकार ने कहा कि यहां का माहौल स्कूल से अलग है। अभी तक आपको परोस के दिया जाता था, हम उससे उल्ट सिखाएंगे कि आपको कैसे प्रस्तुत करना है। उन्होंने विद्यार्थियो को करियर संबंधी जानकारी दी। मानविकी संकाय के डीन प्रो. जयंतीलाल जैन ने कहा कि जीवन किसी लाइव कार्यक्रम की तरह है। विद्यार्थी जीवन जिंदगी की एक आधारशिला है। उन्होंने कहा कि सपने देखने वालों के सपने पूरे होते है। इसके साथ ही उन्होंने अपने जीवन के भी कुछ अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम के आरंभ में रेडियो नारद के आर.जे. कुंदन शर्मा ने प्रेरक कहानियां सुनाकर बच्चों को उत्साहित किया और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा बनाई गई मोटिवेशनल फिल्म जनपथ भी दिखाई गई। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में जॉइंट रजिस्ट्रार दिनेश शर्मा ने सभी प्रवेशार्थियों को विवि संबधी जानकारी दी और उनके विभागाध्यक्ष व प्राध्यापकों से परिचय कराया। संचालन डॉ. अनुभव सोनी और दीपा अग्रवाल ने किया। इस दौरान वित्त अधिकारी अतुल गुप्ता, जॉइंट रजिस्ट्रार एकेडेमिक्स एस.सी. शर्मा, डायरेक्टर सीएसी प्रो. अली.आर फ़तेहि, डायरेक्टर आई.ई.आर डॉ. दिनेश पांडे, महेश कुमार, प्रिंसिपल फार्मेसी प्रो. लाल रत्नाकर, प्रो. आर.के.शर्मा, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. मनोज राणा, डॉ. अंकुर अग्रवाल, गोपाल राजपूत, देबाशीष चक्रवर्ती, बिलास पालके, डॉ. पूनम रानी, डॉ. रंजना, लीना द्रुवा, मनीषा उपाधयाय, दीपशिखा सक्सेना, डॉ. अनुराग शाक्य, डॉ. सिद्धार्थ जैन, डॉ. सौरभ कुमार, के.पी. सिंह, राजेश उपाध्याय, वसीम एहमद, मोहन माहेश्वरी, मयंक जैन, विष्णु चौधरी आदि मौजूद थे।