ठेका शराब की आड़ में बेच रहे थे नकली शराब शराब को हुबहू असली शराब की तरह पैकिंग करके स्थानीय बाजार में खपत की जाती थी। इसमें सरकारी देसी ठेका दुकानदार भी शामिल है। सरकारी शराब की दुकान का ठेकेदार अनिल ही इस नकली शराब को बनवाता था, आबकारी विभाग ने इसकी दुकान को सील कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि इन पर गंभीर धाराओं व गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है कि नकली शराब बनाने की सूचना सिकंदरपुर गांव में मिली तो पुलिस ने रजनीश नाम के व्यक्ति के मकान पर दबिश डाली। जहां रजनीश सहित चार व्यक्ति अवैध शराब के निर्माण व पैकिंग करते हुए पाए गए। पुलिस को देख कर के मौके से तीन लोग छत के रास्ते फरार हो गए। जिसमें अनिल कुमार जो जिसका हरदुआगंज के खान आलमपुर गांव में देसी शराब का ठेका भी है। इसी देसी शराब ठेके के आड़ में हरियाणा से लाई गई शराब में केमिकल और कलर मिलाकर के अवैध शराब तैयार कराता था। जिसे खाली बोतलों में भर कर अनुबंधित कंपनी की नकली होलोग्राम व मोनोग्राम लगा दिया जाता था। इन बोतलों पर ढक्कन भी लगा कर के स्थानीय बाजार में सप्लाई दी जाती थी।
लम्बे समय से नशीले पदार्थ के कारोबार में लिप्त बताया जा रहा है कि यह शातिर किस्म के अपराधी हैं और लंबे समय से नशीले पदार्थ के कारोबार में लिप्त हैं। गिरफ्तार अभियुक्त रजनीश साथियों के साथ सन् 2006 में
आगरा से चरस के काम में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, वहीं अभियुक्त अनिल का भाई मोहित 2015 में थाना लोधा से अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था। भागे गए अभियुक्त का नाम धर्मवीर, विवेक और अनिल है, वहीं पुलिस ने रजनीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मौके से पुलिस को 29 पेटी नकली शराब, 50 होलोग्राम, 30 मोनोग्राम, 55 ढक्कन, कलर कैमिकल का डिब्बा पाया गया है।