इस बारे में जब बसपा नेता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये आवाज़ दबाने वाली बात है। जब एक तारीख को एएमयू पर पुलिस और आरएसएस के लोगों ने हमला किया था, उसके बाद छात्र सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराने जा रहे थे तो उनके उपर लाठीचार्ज कराया गया, उन बच्चों पर हमला किया गया। जब दो दिन बाद हमने उन्हें समझाया तब से लेकर आज तक कोई घटना नहीं हुई है। फिर भी हम पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया, हमारी सिक्योरिटी छीन ली गई।
उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा हमारी हत्या कराना चाहते हैं। हमारी जुबान बंद कराना चाहते हैं। जिन्ना का कोई चक्कर नहीं था, ये सब सिर्फ यूनिवर्सिटी को टारगेट करके किया जा रहा है ताकि उसकी बदनामी की जा सके। छात्रों को बदनाम किया जाए, खासतौर से अल्पसंख्यकों को बदनाम किया जाए और चुनाव जीता जाए। इसके अलावा भाजपा के पास कोई दूसरा काम नहीं है।
पूर्व विधायक पर दर्ज़ हुए मुकदमे को लेकर जब अपर पुलिस अधीक्षक अतुल श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ज़मीर उल्लाह खान पर भड़काऊ बयानबाज़ी का आरोप है। उस बयान का संज्ञान लेते हुए अभियोग पंजीकृत कराया गया है। विवेचना की जा रही है। गनर हटाना प्रशासनिक निर्णय है।
यह कोई चिराग साग का खेल नहीं है, यह खेल तो दो साल पहले से चल रहा था। बाबे सैयद गेट पर महेंद्र प्रताप के नाम पर उधम मचाने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाब नहीं हुए। आपका छोटा भाई लठ लेकर खड़ा हुआ था कि किसी की ताकत हो तो अंदर जाकर दिखाये, लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए। मोदी जी के योगी जी के गुंडे जो चंद गुंडे थे, अधिकारियों के साथ जो उनके बलबूते पर यहां तक चलकर आये, मैं उन सब अधिकारियों से कहना चाहता हूं या तो वह अलीगढ़ छोड़कर चले जायें या फिर वह जेल जाने के लिए तैयार रहें, क्योंकि यह इतिहास में पहली मरतबा हुआ है जब ये नापाक लोग यहां तक आये। ऐसा कभी भविष्य में न हो। मैं इसलिए एडमिनिस्ट्रेशन से कहना चाहता हूं कि चुपचाप रिपोर्ट लिख लें। आप जानते हैं ऊपर कोर्ट से लेकर हर बच्चा बिल्कुल तैयार है। यह कोई छोटी बात नहीं। तुमने बहुत गलत जगह हाथ डाला है। मैं इसको लाठी चार्ज नहीं कहता। मैं इसको हमला कहता हूं। पुलिस के साथ योगी जी के गुंडों के साथ मिलकर जो हमारे ऊपर हमला हुआ है, इसका जबाब हम देंगे।