जानकारी के अनुसार अनुपम सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रामपुर में तैनात सिपाही शशिकांत को दोषी ठहराया है। शशिकांत ने 20 साल पहले 15 वर्ष की बच्ची के साथ रेप किया था। बच्ची के पिता ने सिपाही के ऊपर एफआई दर्ज कराई थी। पुलिस ने रेप का मुकदमा दर्ज करते हुए लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया था। जिसके बाद लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराई थी। मुकदमे में बयानों के आधार पर सिपाही के ऊपर धारा बढ़ाई गई थी। तब से यह मामला कोर्ट में चल रहा था।
पूरा मामला क्या था ?
अलीगढ़ जिले के थाना देहलीगेट पर शशिकांत सिपाही तैनात थे। उस दौरान दिल्ली गेट के इलाके की पीड़िता के पिता ने थाने पहुंचकर सिपाही के खिलाफ तहरीर थी। 31 अक्टूबर 2002 को 15 वर्षीय लड़की के साथ पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। पीड़ित पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी 15 वर्षीय बेटी को उस समय देहलीगेट थाने में तैनात रहा सिपाही शशिकांत बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है और बेटी के साथ दुष्कर्म किया।
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शशिकांत को सजा मिलने के बाद अलीगढ़ के एएसपी का कहना है कि आरोपी सिपाही का एक दोस्त पीड़िता के घर में किराए पर रहता था। जिसके चलते उसका वहां आना-जाना था। दोस्त के कमरे पर आने जाने के चलते सिपाही का लड़की से संपर्क हुआ था। फिलहाल आरोपी सिपाही शशिकांत रामपुर जिले में तैनात हैं। जबकि इस मामले में कुल नौ लोगों ने अदालत में गवाही दी गई थी। अदालत ने गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सिपाही को सजा सुनाई है।