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एएमयू में स्ट्रीट पोल पर लिखाये गए क़ुरआन के कोट्स पर खड़ा हुआ विवाद

locationअलीगढ़Published: Jun 07, 2018 06:26:02 pm

आरएसएस के मुस्लिम विचारक ने सवाल उठाते हुए कहा कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है, ये सिर्फ नाम की मुस्लिम यूनिवर्सिटी है।
 

AMU Bawal

एएमयू में स्ट्रीट पोल पर लिखाये गए क़ुरआन के कोट्स पर खड़ा हुआ विवाद

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के गेट पर लगे यूनिवर्सिटी के बैज, साथ ही स्ट्रीट पोल पर लिखाये गए क़ुरआन के कोट्स पर विवाद शुरु हो गया है। आरएसएस के मुस्लिम विचारक ने इस पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम कट्टरवादी सोच के प्रति काम करना बताया है। आरएसएस के मुस्लिम विचारक ने सवाल उठाते हुए कहा कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है, ये सिर्फ नाम की मुस्लिम यूनिवर्सिटी है। ये मदरसा नहीं है बल्कि एक केंद्रीय यूनिवर्सिटी है। इसलिए ऐसा इसमें नहीं होना चाहिए। आरएसएस विचारक आमिर रशीद ने आरोप लगाते हुए कहा कि एएमयू कैम्पस में कुछ लोग कट्टरवादी सोच के प्रति काम कर रहे हैं, इस्लाम धर्म को संकुचित कर के रख दिया है जिस पर छात्र संघ अध्यक्ष अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने पलटवार किया है।
एएमयू अल्ससंख्यक संस्थान नहीं है

एएमयू छात्र संघ उपाध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने बताया कि चुनाव के समय हमने जो वादा किया था उसे पूरा कर रहे हैं, इनमें से एक वादा था कि विश्वविद्यालय के गेट पर विश्वविद्यालय का लोगो होना चाहिए, जिससे विश्वविद्यालय के बारे में लोगों को पता चल सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ कुछ कोट्स हैं जो पोल पर लगाए जा रहे हैं कुल 30 पोल हैं, और इस पर कुरान की आयतें लिख कर लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि अन्य धार्मिक ग्रंथों से भी कोट लिए जाएंगे, बाइबिल, गीता और महापुरुषों के कथन भी इसमें शामिल होंगे। छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा से संबंधित जो भी महापुरुषों ने अपनी बात रखी है उस बारे में छात्रों को जानकारी देना है और उनको फॉलो करना है।
छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा की व्यवस्था को बरबाद करना चाहती है। वहीं संघ विचारक आमिर राशिद ने कहा कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है, इसका अल्पसंख्यक का मामला कोर्ट में विचाराधीन है और सिर्फ नाम की मुस्लिम यूनिवर्सिटी है। जो पोल पर कुरान की आयतें लिखी जा रही हैं वह गलत हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यूनिवर्सिटी है न कि मदरसा है। एएमयू में कुछ कट्टरवादी सोच के लोग हैं जो इस्लाम की छवि को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। संघ विचारक ने कहा कि अगर वह सभी धर्मों की कोट्स को लगाते हैं तो उसका स्वागत किया जाएगा।
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