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मरने के बाद जिंदा हुआ राम किशोर, बताया कि स्वर्ग के द्वार से उसे क्यों जमींन पर भेजा वापस

locationअलीगढ़Published: Apr 23, 2018 01:42:08 pm

मौत के पांच घंटे बाद जिंदा हुए रामकिशोर ने बताई यमलोक की चौंकाने वाली कहानी।

Ram kishore Alive after death

Ram kishore Alive after death

अलीगढ़। अलीगढ़ में मरने के बाद 5 घंटे में एक व्यक्ति जिंदा हो गया, घर के लोग मातम कर रहे थे, रिश्तेदारों भी पहुंच गये थे, लेकिन 5 घंटे के बाद एक व्यक्ति फिर से जी उठा। परिवार में मातम खुशियों में बदल गई, लोगों के आंखों में आंसू तो थे, लेकिन जिंदा पाकर चेहरे पर मुस्कान तैर गई। यह घटना थाना अतरौली के किरथला गांव की है। जहां 53 वर्षीय राम किशोर सिंह उर्फ भूरा सिंह का निधन हो गया था। उनके जिंदा होने की कहानी जब गांव, आस-पड़ोस और लोगों तक पहुंची तो यह वाकया चर्चा का विषय बन गया।

इस तरह हुई मौत
खेती किसानी करने वाले राम किशोर सिंह को कोई बीमारी तो नहीं थी, उन्होंने बताया कि कभी बुखार भी नहीं आया, लेकिन चंद रोज़ पहले आंखों के सामने अंधकार छा गया, कुछ पता नहीं चला कि क्या हुआ । परिजन भी परेशान हो गए। रामकिशोर की धड़कन भी बंद हो गई। अचेत अवस्था में रामकिशोर पहुंच गये। गांव के लोगों ने उनके शरीर को देखा, वहीं होश नहीं आने पर परिवार में कोहराम मच गया। रामकिशोर कि जब सांसे थम गईं। परिवार के लोग घबरा गए और नम आंखों के साथ बिलखने लगे। रामकिशोर की मरने की सूचना नाते – रिश्तेदार, दोस्त और करीबियों को दे दी गई। परिजनों को रोता देख ग्रामीणों की आंखों में भी पानी छलक गया। नाते रिश्तेदार आदि गांव पहुंचने लगे। गांव के लोगों ने अंतिम संस्कार की तैयारी करना शुरु कर दिया था। रिश्तेदार और गांव के लोग काम छोड़कर रामकिशोर के घर पहुंच गए थे, लेकिन 5 घंटे बाद रामकिशोर के शरीर में हलचल उठी, तो लोग हैरान रह गए। लोगों को विश्वास नहीं हुआ। एक पल लोग सहम गए। राम किशोर ने परिवार रिश्तेदार और दोस्तों को देखा और सभी को नाम से पुकारा।
ये किया खुलासा
लोगों को रोता हुआ देखकर रामकिशोर ने कहा कि मैं बिल्कुल ठीक हूं। उन्होंने बताया की गलती से मुझे ले गए थे, लेकिन वापस भेज दिया है। रामकिशोर ने बताया कि मेरा नंबर अभी नहीं था, इसलिए मुझे धक्का दे कर भगा दिया। रामकिशोर के शरीर में उठी हलचल और बात सुनकर परिवार के साथ गांव के लोगों के चेहरे पर आश्चर्यजनक मुस्कान छा गई। लोगों को सहर्ष विश्वास नहीं हुआ। रामकिशोर बात कर रहा था । रामकिशोर के दुबारा जिंदा होने की खबर गांव ही नहीं आस-पड़ोस के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वाक्ये के बाद रामकिशोर के पास पहुंचकर लोग मृत्यु का नजारा और वाक्या जानना चाहते हैं। अतरौली में रामकिशोर का जिंदा होना सुर्खियों में बना है।

ये बताई कहानी
रामकिशोर बताते हैं कि अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा गया और अचेत हो गया। उन्होंने कहा कि मुझे आंख बंद होते ही बस इतना दिखा की एक बैठक चल रही थी जिसमें बड़ी बड़ी दाढ़ी वाले कुछ लोग बैठे थे। उसमें एक मुख्य महात्मा भी बैठे थे। दाढ़ी वाले लोग मुख्य महात्मा से बात चीत कर रहे थे। दाढ़ी वाले महात्मा जनेऊ धारण किए हुए थे और मुख्य महात्मा झूले पर बैठे थे। इस दौरान झूले पर बैठे मुख्य महात्मा ने पूछा कि इसका क्या है, इसे क्यों ले आएं। एक आवाज आई इसका नंबर अभी नहीं है। इसे भगा दो, और मुझे ऐसा लगा ऊपर से धकेल दिया और मैं रोता हुआ वापस आ गया। राम किशोर ने बताया इस घटना के बाद दो-तीन दिन तक उठ नहीं पाया। शरीर पीला पड़ गया। राम किशोर ने कहां कि जब आंख खुली तो लोगों को रोता हुआ देखा है। वहीं इस दौरान किसी का चेहरा ध्यान नहीं है। गांव के लोग इसे चमत्कार के रूप में देख रहे हैं और रामकिशोर का जिंदा होना किसी कौतूहल से कम नहीं है, हालांकि वैज्ञानिक आधार पर देखा जाए तो इस चमत्कार का कोई जवाब नहीं है। एएमयू के मनोचिकित्सक सुहैल अहमद आजमी कहते है कि इसका वैज्ञानिक आधार नहीं है,ये अस्पष्ट है,कार्डिक अरेस्ट या ब्रेन डेथ या श्वसन प्रक्रिया रुकने के बाद यह मुमकिन नहीं है।

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