एक प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि 18 महीने की उम्र से ही आर्टिज़्म के लक्षण दिखने लगते हैं इसलिये इस आयु के बच्चों की स्क्रीनिंग होनी चाहिए। आर्थाेपेडिक विभाग के प्रो. खालिद शेरवानी ने क्लीनिकल मीट की सराहना करते हुए आर्टिज़्म के रोगियों से सम्बन्धित अपने चिकित्सीय अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि माता पिता अकसर इस रोग के लक्षणों से अनभिज्ञ होते हैं, इसलिये सही प्रकार से इस पर ध्यान आकर्षित नहीं कर पाते।
ये रहती है समस्या
मानसिक रोग विशेषज्ञा तथा मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुहैल आज़मी ने कहा कि आर्टिज़्म के 70 प्रतिशत रोगियों को कब्ज़, भूख न लगने की शिकायत या डिप्रेशन आदि में से कम से कम एक शिकायत अवश्य रहती है, जबकि 40 प्रतिशत रोगियों में दो या उससे अधिक शिकायतें पाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों की भलिभांति देखभाल के लिये मानसिक रोग विशेषज्ञ, मनोविज्ञान विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ तथा इक्यपेशनल व स्पीच थेरेपिस्ट की टीम को मिलकर चिकित्सा करनी होती है।
मानसिक रोग विशेषज्ञा तथा मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुहैल आज़मी ने कहा कि आर्टिज़्म के 70 प्रतिशत रोगियों को कब्ज़, भूख न लगने की शिकायत या डिप्रेशन आदि में से कम से कम एक शिकायत अवश्य रहती है, जबकि 40 प्रतिशत रोगियों में दो या उससे अधिक शिकायतें पाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों की भलिभांति देखभाल के लिये मानसिक रोग विशेषज्ञ, मनोविज्ञान विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ तथा इक्यपेशनल व स्पीच थेरेपिस्ट की टीम को मिलकर चिकित्सा करनी होती है।
किया गया स्वागत
इससे पूर्व मेडीसन संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एससी शर्मा ने अतिथि वक्ता डाॅ. ज्योत्सना का स्वागत किया, जबकि अलीग एकेडमिक इनरिचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. सैयद जिया उर रहमान ने उनका परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अपनी ही एक अल्युमनाई को मेडीसन संकाय में आमंत्रित करके प्रसन्नता हो रही है, जो इस समय सायकियाट्रिक कार्यक्रम, बे्रल बिहेवियर हैल्थ, मंसूरी, अमरीका की निदेशिका हैं। उन्होंने कुलपति प्रो. तारिक मंसूर तथा डाॅ. अशरफ का भी आभार व्यक्त किया।
इससे पूर्व मेडीसन संकाय के अधिष्ठाता प्रो. एससी शर्मा ने अतिथि वक्ता डाॅ. ज्योत्सना का स्वागत किया, जबकि अलीग एकेडमिक इनरिचमेंट कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. सैयद जिया उर रहमान ने उनका परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अपनी ही एक अल्युमनाई को मेडीसन संकाय में आमंत्रित करके प्रसन्नता हो रही है, जो इस समय सायकियाट्रिक कार्यक्रम, बे्रल बिहेवियर हैल्थ, मंसूरी, अमरीका की निदेशिका हैं। उन्होंने कुलपति प्रो. तारिक मंसूर तथा डाॅ. अशरफ का भी आभार व्यक्त किया।