छात्रों का प्रदर्शन बता दें कि छात्रों ने 21 फरवरी को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया। जिसमें अलीगढ़ के डिग्री कॉलेज के साथ ही पड़ोसी जनपद के छात्र भी शामिल हुए थे। विश्वविद्यालय बनाओ मंच के जरिए छात्र लामबंद हो रहे हैं। छात्र अपने साथ अब अभिभावक, व्यापारी वर्ग, चिकित्साक, शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों को जोड़ रहे हैं। विश्वविद्यालय की मांग कर रहे छात्रनेताओं ने कहा है कि सांकेतिक धरने व प्रदर्शन के बाद राजकीय विश्वविद्यालय बनाने में कोई ठोस पहल नहीं होती है तो छात्रवर्ग सड़क पर उतर कर बड़ा आंदोलन करेगा।
एएमयू का स्वरूप एएमयू में इंटरनेशल व एक्सटर्नल छात्रों के लिए 50-50 प्रतिशत का आरक्षण मिल हुआ है लेकिन एएमयू में हाई स्कूल व इंटर में पढ़ने वाले छात्र स्थानीय नहीं होते, आवासीय छात्रावास होने के चलते बाहर के छात्र यहां आकर अच्छी शिक्षा लेते हैं। पश्चमी यूपी में एक मात्र केन्द्रीय विद्यालय एएमयू ही है।
आगरा विश्वविद्यालय से इस समय जुड़े हैं 996 महाविद्यालय एएमयू को छोड़कर अलीगढ़ के सभी कॉलेज व विद्यालय आगरा के डाक्टर भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। विशवविद्यालय अनुदान आयोग ने एक ज्ञान कमीशन बनाया था, जिसकी रिपोर्ट है की एक यूनिवर्सिटी में केवल 110 कालेज होने चाहिए और आगरा यूनिवर्सिटी में इस समय 996 कालेज संबंद्ध है, जिसमें आगरा और अलीगढ़ मंडल सहित आठ जिले आगरा, मैनपुरी, अलीगढी एटा , हाथरस , कासगंज, फीरोजाबाद ,मथुरा के कालेज जुड़े हैं। आगरा विश्वविद्यालय की कारगुजारियों ने दोनों मंडल के छात्र परेशान हैं। अंकतालिकाओं में गड़बड़ी, अंकपत्र नहीं आने, 2013 के परीक्षा परिणाम अटके पड़े हैं। परीक्षा फार्म में गड़बड़ी जैसी तमाम अव्यवस्थाएं छात्रों के जीवन को बर्बाद कर रही है। इस समस्याओं के निजात के लिए छात्रों को आगरा जाना पड़ता है, तो उनसे धन उगाही की जाती है, केवल तीन लाख 65 हजार छात्र अलीगढ़ जिले के ही हैं जो आगरा विश्वविद्यालय से सम्बंध कालेजों मे अलीगढ़ में पढ़ रहे हैं। आगरा यूनिवर्सिटी में नौ साल से पीएचडी न होना, सत्र देरी से चलना, और अंकतालिका समय से न मिलना और अंकतालिकाओं में गलतियां होना और पांच साल से डिग्री न मिलना जैसी समस्याएं हैं।
आगरा विश्वविद्यालय की भ्रष्ट्र व्यवस्था से छात्र परेशान विश्वविद्यालय बनाओ मंच के छात्रनेता सौरभ चौधरी ने इस बारे में कहा कि अलीगढ़ के सभी डिग्री कॉलेज आगरा विस्वविद्यालय से संचालित होते हैं, अलीगढ़ में ही कुल 115 महाविद्यालय हैं, जिसके चलते आगरा विश्वविद्यालय पर लोड ज्यादा होता है। भ्रष्टाचार चरम पर है। डिग्री पाने में गड़बड़ी होने पर करीब 400 से 500 छात्र डेली आगरा के चक्कर लगाते हैं, इनमें केवल एक फीसदी छात्र का ही काम होता है। छात्रनेता अर्जुन सिंह ने बताया कि पिछले सात सालों से अलीगढ़ में राजकीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग कर रहे हैं। आगरा विश्वविद्यालय की भ्रष्ट्र व्यवस्थाओं से छात्रों का भविष्य अंधकारमय है।