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अलीराजपुर

आचार्य नित्यसेन व जयरत्न सूरी का मंगल प्रवेश

जन्म ले लिया, लेकिन मनुष्य जीवन के कर्तव्य नहीं आए तो जीवन व्यर्थ है …

अलीराजपुरMar 19, 2018 / 05:41 pm

अर्जुन रिछारिया

aacharya nityasen jayratna suri mangal pravesh
आलीराजपुर. जन्म ले लिया, लेकिन मनुष्य जीवन के कर्तव्य नहीं आए तो जीवन व्यर्थ है। जीवन में परमात्मा के सिद्धांत को धारण करें। लक्ष्मणी तीर्थ कोहिनूर, ऐरावत कामधेनु बांस मोती के समान है। लक्ष्मणी के कायाकल्प की जिम्मेदारी आचार्यश्री और आलीराजपुर स्थित जैन मंदिर की जिम्मेदारी श्री संघ ले।
इसका प्रस्ताव बनाकर दे। हर हालत में आलीराजपुर मंदिर का जीर्णोद्धार करना है। यह बात आचार्य जयंतसेन सुरिश्वर के पटटधर आचार्य नित्यसेन सूरीश्वर और जयरत्न सूरीश्वर ने कही। आचार्य नित्यसेन ने कहा कि मालवा के सभी भक्तों के हृदय में पुण्य सम्राट की भक्ति को देखा है। समय किसी का इंतजार नहीं करता। हमें मंदिर जीर्णोद्धार का काम करना है।
चल समारोह में झूमे समाजजन
इसके पहले कृषि उपज मंडी प्रांगण से चल समारोह सुबह 10 बजे निकला। जैन श्री संघ ने सुरेेंद्र उद्यान के सामने आचार्यद्वय व मुनिमंडल की अगवानी की। इसके बाद बैंडबाजे, घोडे, बग्घी, ढोल ताशों के साथ नगर प्रवेश शुरू हुआ। चल समारोह शहर के प्रतापगंज मार्ग, रणछोड राय मार्ग, बस स्टैंड, एमजी रोड होते हुए जैन मंदिर पहुंचा। इस दौरान जगह-जगह जैन समाजजन ने गहुली कर अगवानी की। चल समारोह में युवक एक जैसे परिधान और युवतिया व महिलाएं आकर्षक परिधान में धार्मिक गीत व स्तवन पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। चल समारोह जैन मंदिर पहुंचा।
सबसे पहले परमात्मा को प्रसन्न करो
जैन मंदिर प्रांगण में आयोजित धर्मसभा में निपुणविजय ने कहा कि प्रसन्न करना हो तो सबसे पहले परमात्मा को करो। इसके बाद गुरु और अपनी आत्मा को प्रसन्न करो। दुनिया को प्रसन्न करने का कोई अर्थ नहीं। दुनिया में भले ही किसी को कितना खुश कर दो, लेकिन व्यक्ति कब नाराज हो जाए भरोसा नहीं। दुनिया में सबकुछ भूल जाना, लेकिन अपनी आत्मा को मत भूलना।
जो करो अच्छा विचार व व्यवहार रखकर करो। मुनि चारित्रविजय ने कहा कि जिनके गुरु समर्थ होते हैं। उनके शिष्यों की गरिमा दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है। गुरु दीवार नहीं द्वार है। गुरु दीर्घदृष्टा होते हैं और उनकी महिला विरला पुरुष ही जानता है।
मालवा गुरु भक्ति के प्रति समर्पित है। आचार्यद्वय के मालवा विहार यात्रा के अंतिम पड़ाव पर 14 जैन श्रीसंघ झाबुआ, जोबट, चंद्रशेखर आजाद नगर, बड़ी खटटाली, इंदौर, रतलाम, कुक्षी, बाग, टांडा, राजगढ़ सहित 14 श्रीसंघों के पदाधिकारी आलीराजपुर आए। सभी ने गुरु वंदना की। वासक्षेप पूजा की बोली रमेश मेहता परिवार बड़ी खटटाली और कांबली ओढाने की बोली जवाहरलाल काकड़ीवाला परिवार ने ली।
कार्यक्रम को प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश तांतेड, श्रीसंघ अध्यक्ष मनीष जैन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में ओच्छबलाल जैन, अनिल जैन, संतोषीलाल जैन, मनीष जैन, सपन जैन, अल्पेश जैन, अंकित जैन,राजेंद्र जैन, प्रफुल्ल जैन, अनिश जैन,निलेश जैन, सचिन जैन, अश्विन जैन, प्रमोद जैन सहित सभी समाजजनों का सहयोग रहा।

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