भदौरिया के रहते हुए भी विनय रंगशाही के समय शराब के अवैध ट्रक के गुजरात जाने का मामला नहीं सुलझ पाया था। अब देखना होगा की नए जिला आबकारी अधिकारी बघेल क्या कार्रवाई करते हैं। गौरतलब है कि जोबट से पकड़े गए अवैध शराब के दो ट्रको में से एक ट्रक को विनय रंगशाही ने 17 घंटे बाद छोड़ दिया था। जिसे कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने मामले का संज्ञान लेकर जांच करने की बात कही थी। वहीं मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल से शराब के अवैध फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद विधायक मुकेश पटेल ने पत्रिका की प्रति देकर आरोपियों के ना पकड़े जाने का मुददा उठाया था। भदौरिया जब से आलीराजपुर में पदस्थ हुए थे तब से वे चर्चा में बने रहे।
कार्यप्रणाली के चलते रहे थे चर्चा में
आलीराजपुर जिले में अवैध शराब के परिवहन को लेकर पूर्व सहायक आबकारी अधिकारी विनोद रंगशाही को राज्य शासन ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद धर्मेंद्र भदोरिया को आलीराजपुर जिले का अतिरिक्त चार्ज सौंपा था। भदौरिया ने आलीराजपुर नगर व एक अन्य स्थान पर अवैध शराब की फेक्ट्री को पकड़ा था, लेकिन कई लोग दबी जुबान में कहते नजर आए कि प्रशासन ने धर्मेंद्र भदौरिया को ठेकेदारों पर मेहरबानी करने के लिए पदस्थ किया था। गौरतलब है कि जिले में गुजरात की सीमा नजदीक होने के चलते ठेकेदारों द्वारा मुंह मांगे दाम पर शराब का ठेका दिया जाता है। भदौरिया ने आते ही अवैध रूप से शराब का विक्रय करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर ठेकेदारो को लाभ पहुंचाने का काम किया था।
आलीराजपुर जिले में अवैध शराब के परिवहन को लेकर पूर्व सहायक आबकारी अधिकारी विनोद रंगशाही को राज्य शासन ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद धर्मेंद्र भदोरिया को आलीराजपुर जिले का अतिरिक्त चार्ज सौंपा था। भदौरिया ने आलीराजपुर नगर व एक अन्य स्थान पर अवैध शराब की फेक्ट्री को पकड़ा था, लेकिन कई लोग दबी जुबान में कहते नजर आए कि प्रशासन ने धर्मेंद्र भदौरिया को ठेकेदारों पर मेहरबानी करने के लिए पदस्थ किया था। गौरतलब है कि जिले में गुजरात की सीमा नजदीक होने के चलते ठेकेदारों द्वारा मुंह मांगे दाम पर शराब का ठेका दिया जाता है। भदौरिया ने आते ही अवैध रूप से शराब का विक्रय करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर ठेकेदारो को लाभ पहुंचाने का काम किया था।