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संवत्सरी पर्व पर एक-दूसरे से मांगी क्षमा

locationअलीराजपुरPublished: Sep 15, 2018 06:11:41 pm

Submitted by:

amit mandloi

जिनमंदिर से भगवान का और तपस्वी का वरघोड़ा निकाला

Jain samaj

संवत्सरी पर्व पर एक-दूसरे से मांगी क्षमा

चंद्रशेखर आजादनगर. जैन धर्म में आठ दिवसीय महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण पर्व पर नगर के समाजजन द्वारा प्रतिदिन जिन मंदिर में प्रभु का प्रक्षाल, पूजन, महाआरती, कल्पसूत्र का वाचन प्रतिक्रमणए के साथ आठों दिवस धार्मिक प्रतियोगिता आयोजित की गई । आठवें दिन संवत्सरी के अंतिम दिन सभी समाजनन छोटे-बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों, महिलाओं, पुरुषों ने सांवत्सरिक प्रतिक्रमण में 84 लाख जीवों से क्षमा याचना कर क्षमा मांगी गई । शुक्रवार को सभी समाजजनों ने प्रात: पूजन वंदन कर जिन मंदिर में एक-दूसरे से गले मिलकर 12 माह में जो कोई अवज्ञा अथवा मन से वचन से काया से क्षमा याचना की। इस अवसर पर जिनमंदिर से भगवान का और तपस्वी का वरघोड़ा निकाला गया, जो नगर के मुख्य मार्गों से निकाला गया। इस अवसर पर श्रीसंघ द्वारा तपस्वी श्रीमती सोहन बेन के 11 उपवास की अनुमोदनार्थ उनका बहुमान श्रीसंघ अध्यक्ष नगीनलाल जैन द्वारा किया गया। सोहन बेन की 11 उपवास का पालना उनकी मामी महाराज की निश्रा में बेरछा में होगा। सभा में समाज के वीरेंद्र कुमार जैन ने आठ दिवसीय धर्म आराधना पर सभी समाजनों का तपस्या करने वालों की अनुमोदना की सभा के अंत मे श्रीसंघ का स्वामीवत्सल्य वीरेंद्रकुमारजी, नानालालजी परिवार की ओर से रखा गया।
तपस्वियों को हेमेंद्र सूरी भवन में करवाया पारणा
आलीराजपुर. नगर में चातुर्मास के लिए विराजित साध्वीजी की निश्रा में जैन समाजजनों में तपस्या करने की होड़ लगी रही। मासक्षमण, सिद्धितप 16 11 व 9 उपवास तथा अठाई तप करने वाले करीब तीन दर्जन तपस्वियों को स्थानीय हेमेंद्र सूरी भवन में जैन श्री संघ द्वारा सामूहिक पारणा करवाया गया। इस दौरान समाजजनों व तपस्वियों के परिजनों व रिश्तेदारों में पारणा करवाने की होड़ लगी रही। वहीं दोपहर 12.39 बजे राजेंद्र भवन में सिद्धितप तपस्वी परिवार द्वारा 108 पाश्र्वनाथ भगवान की पूजा आयोजित करवाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में समामजन शामिल हुए और प्रभु भक्तिकी। शाम को हेमेंद्र सूरी भवन में स्वामी वात्सल्य और रात्रि में गुरुदेव राजेंद्र सूरीश्वर की महाआरती की गई। गौरतलब है, अंहिसा परमो धर्म एवं जियो और जीने दो के अनुयाई जैन समाज के आठ दिनों पूर्व प्रारंभ हुए पर्युषण पर्व में होने वाली धार्मिक क्रियाओं का समापन गुरुवार को हो गया। सातम ग्रुप के सदस्यों ने बोली लेकर श्रीसंघ से क्षमापना की। शाम करीब पौने पांच बजे संवत्सरी के बड़े प्रतिक्रमण की शुरुआत हुई, जो करीब तीन घंटे चक चली। प्रतिक्रमण समाप्त होते ही सभी समाजजनों ने एक-दूसरे से क्षमा याचना की। शुक्रवार को समाजजनों ने मंदिर पहुंचकर भगवान से क्षमायाचना करने के साथ ही समाजजनों व नगरवासियों से मिच्छामी दुक्ड़म कहकर औपचारिक समापन किया।

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