scriptविचारों को बदलो तो जीवन के सितारे बदल जाएंगे | Change the thoughts, then the stars of life will change | Patrika News

विचारों को बदलो तो जीवन के सितारे बदल जाएंगे

locationअलीराजपुरPublished: Jul 04, 2019 06:06:41 pm

तनाव मुक्त शिविर का आयोजन : खुशनुमा जीवन के रहस्य के बारे में शहरवासियों को दी जानकारी

Stress free camp

विचारों को बदलो तो जीवन के सितारे बदल जाएंगे

आलीराजपुर. मनुष्य की हर अच्छी-बुरी सोच, विचार, भावनाएं ही संस्कार, बीमारी व रिश्ते कायम करती है। आज रिश्तों में कड़वाहट शरीर में बीमारी, गलत संस्कारों से मानव स्वयं ही परेशान होता जा रहा है। हमारे प्रत्येक अच्छे-बुरे विचार सृजन का कार्य करते हैं। विचारों में अच्छी बुरी शक्ति होती है। उनका प्रभाव हमारे मस्तिष्क, आत्मा और शरीर पर पड़ता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इस बात पर खोज की गई कि समान शारीरिक व मानसिक क्रियाओं का मस्तिष्क पर कैसा प्रभाव पड़ता है। एक ग्रुप को अंगुलियों से पियानो 2 घंटे प्रतिदिन 5 दिन तक बजाने को कहा ,दूसरे ग्रुप को मन में अंगुली से पियानो बजाने को कहा, दोनों क्रियाओं का मस्तिष्क पर समान प्रभाव पड़ा। अगर आप किसी को मुंह से गाली देते हो और किसी को मन से गाली देते हो तो मस्तिष्क पर समान प्रभाव पड़ता है। नारायण भाई ने कहा, अगर वर्तमान में मेरा विचार व्यक्ति घटना के प्रति अच्छा है तो निश्चित है कि भविष्य में भी शरीर, रिश्ते व घटना सभी अच्छे होंगे। सभी समस्याओं, बीमारीयों का बीज विचार है। विचारों को बदलो तो जीवन के सितारे बदल जाएंगे, विचारों से ही सब कुछ अच्छा बुरा निर्मित होता है। यह विचार इंदौर से आए ब्रह्मकुमार नारायण भाई ने ब्रह्मकुमारी ओम शांति सभागृह दीपा की चौकी में तनाव मुक्त खुशनुमा जीवन के रहस्य के बारे में शहरवासियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने बताया, सोच से यह निष्कर्ष निकला कि बीमारी कैसे बनती है व ठीक कैसे हो सकती है। दवाइयों के साथ अगर आप यह सोचे मैं ठीक हूं, स्वस्थ हूं तो आपके विचार व दवाई काम करने लगेगी शरीर का वह अंग ठीक हो जाएगा। यह संस्कारों के लिए भी यही बात है, बीमारी के लिए और रिश्तों के लिए भी। नारायण भाई ने कहा कि कुछ लोग प्यार से बात करते हैं, लेकिन मन से प्यार से बात नहीं करते हैं, इसीलिए रिश्तो में कड़वाहट की दीवार आ रही है। वहीं शरीर का अच्छा ध्यान रखते, लेकिन अंदर से अच्छा नहीं सोचते हैं, जिससे वे अस्वस्थ हो रहे हैं। हर चीज आत्मा में रिकॉर्ड हो रही है, उसका प्रभाव शरीर व रिश्तों पर वाइब्रेशन रेडिएट होकर अवश्य पड़ेग। हम दिन भर किसी की बुराई गलती, दोष, नॉट करते हैं तो उसका गलत प्रभाव सबसे पहले मेरे मस्तिष्क आत्मा और शरीर पर पड़ेगा, हमारे शरीर में निगेटिव एनर्जी जाएगी। अगर हम सारे दिन परमात्मा से एनर्जी लेते रहे तो एनर्जी सबसे पहले मस्तिष्क, आत्मा पर शरीर पर अच्छा प्रभाव डालेगी। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन ने कहा कि जैसा सोचेंगे वैसा बन जाएंगे। हमारी सोच में जबरदस्त शक्ति है। इसका सही दिशा में प्रयोग करें तो जीवन में कोई समस्या या बीमारी नहीं रहेगी। सारे दिन में ईमेल, व्हाट्सऐप चेक करते हैं लेकिन अपने मन के संकल्प को चेक नहीं करते हैं। इसीलिए प्रतिदिन कुछ मिनट अपने संकल्प को चेक कर सही दिशा प्रदान करें।
ब्रह्मकुमार नारायण भाई
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