उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार भी जुडऩे से विद्यार्थियों में जिम्मेदारी का बोध भी आता है। भावी जीवन में वह अपने लिए श्रेष्ठ रास्ते का चयन करने के लिए सक्षम होते हैं। कार्यक्रम के आरम्भ में सरपंच समरथसिंह मौर्य, एडवोकेट राजेन्द्र वाणी व प्रदीप क्षीरसागर ने सरस्वती एवं विवेकानन्द की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। वाणी ने कहा कि ऐसे आयोजन प्रत्येक विद्यालय में होते रहने से बच्चों में शिक्षा के साथ विभिन्न सामाजिक समरसता वाली सोच का उदय भी होता है। प्राचार्य पुष्पेंद्र वाणी ने विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के साथ कार्यक्रम की जानकारी दी। स्कूल परिसर के विशाल मंच को नेत्रदान, रक्तदान,स्वच्छता, सेव वॉटर, बेटी बचाओ, पर्यावरण संवर्धन जैसे अनेक विषय की थीम से आकर्षक रूप दिया गया था ।
दर्शकों को किया मनमोहित : मंच पर विद्यर्थियों ने आकर्षक परिधानों के साथ भारत भर की विविध संस्कृतियों से लिप्त शानदार नृत्य एवं नाट्य की प्रस्तुतियां दी। आयोजन में बंगाली, गुजराती, मराठी, ओडि़सी व आदिवासी लोक नृत्य की प्रभावी प्रस्तुति से दर्शकों को मनमोहित कर दिया। अतिथियों द्वारा पुरस्कार भी दिए गए। विद्यालय के शिक्षकों में मंच सज्जा योगेश माधला, परितोष घोष ने किया। वहीं वैशाली माली, भावना ढीमर, पल्लवी शर्मा, नीता वाणी, हेमलता वाणी, माया भाटी, शिवानी मेहता, आशा शर्मा, शारदा चौहान, निकिता वाणी व झूमा घोष ने विद्यर्थियों से नृत्य व नाट्य मंचन में सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक धर्मेंद्र वाणी व प्रीति शर्मा ने किया। आभार डायरेक्टर अश्विन वाणी ने माना।