सबने कहा, बेटा तुमसे ना हो पाएगा और जिद से छू लिया आसमां
ऑनलाइन चाय बेचकर पाई सफलता

इन्दौर कहा जाता है, 'मन के हारे हार है और मन के जीते जीत । यानी अगर आप चाहो, तो हर वो काम कर सकते हो, जिसके लिए दुनिया आपसे कहती है कि तुमसे ना हो पाएगा। ऐसा ही कुछ कर दिखाया शहर के दो युवाओं ने।
जब इन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ी, तो सबने इन्हें पागल कहा। घरवालों ने नाराजगी जताई। सबने कहा, क्या करोगे? तब इनके पास कोई जवाब नहीं था। पैसा था नहीं, लेकिन जिद थी कुछ करने की। फिर एक आइडिया और कुछ बड़ा करने के जुनून से इन्होंने एक कंपनी बना दी। कुछ फिल्मी सा लगता है न, लेकिन यही कहानी है शहर के सुमित ओझा और कर्ण पाण्डे की।
चाय बेचने का बनाया ऐप
सुमित और कर्ण दोनों दोस्त थे। नौकरी छोडऩे के बाद इन्हें चाय बेचने का एप्प बनाने का विचार आया। इन्होंने सिफाटो एप बनाया। इसके जरिए लोग किसी भी कैफे से चाय ऑर्डर कर सकते हैं, वो भी बिना किसी डिलिवरी चार्ज के, लेकिन चाय अच्छी होने के बाद बावजूद ऑर्डर नहीं आ रहे थे। दोनों ने हार नहीं मानी और ढाई महीने में ही 5000 आर्डर पूरे कर लिए।
आज सभी बड़े कैफे हैं साथ
एप्प के फाउंडर सुमित ओझा और को फाउंडर कर्ण पाण्डेय ने बताया कि पहले तो कोई टाई अप करने के लिए तैयार नही था पर आज सभी बड़े कैफे हमारे साथ जुड़े है और धीरे धीरे आगे बढ़ रहे है पहले तो हम सिर्फ दो थे जो सड़क पर घूम घूम के अपनी एप्प डाऊनलोड करवाते थे फिर खुद ही डिलीवरी देने जाते थे। लेकिन उसके बाद कई लोग जुड़ते गए जॉब के लिए और आज 7 लोगो को रोजगार दिया और आगे भी जो लोग काम करना चाहते है हम रख रहे है।
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