अलीराजपुर

गन्ने के रस से गुड़ बनाने का काम जोरों पर

एक समय करड़ावद कस्बा गन्ना उत्पादन का गढ़ माना जाता था

अलीराजपुरMar 13, 2018 / 05:51 pm

अर्जुन रिछारिया

गन्ने के रस से गुड़ बनाने का काम जोरों पर
पेटलावद. इस दिनों गन्ने का रस निकालकर गुड़ बनाने का काम जोरों पर है। किसान गेहूं, चने की फसल के साथ-साथ गन्ना पिराई के काम में लगे हैं। एक समय करड़ावद कस्बा गन्ना उत्पादन का गढ़ माना जाता था, किंतु कम बारिश एवं लागत मूल्य के साथ-साथ उपज का सही कीमत नहीं मिलने से किसानों की रुचि कम होती जा रही थी। कुछ वर्षों में माही नहर का पानी आने से किसानों में इसकी रूचि लगातार बढ़ती जा रही है।
किसान रामचंद्र आना जवाहर कोर्ट रामचंद्र आंजना का कहना है कि पहले गन्ने का उचित मूल्य नहीं मिल पाने से इसमें कमी देखी जा रही थी, किंतु अब माही नहर का पानी आने से किसानों में गन्ने के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। किसान रणछोड़ भगत का कहना है कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी देसी गुड़ की मांग आने लगी हैं और कई लोग इस गुड़ को औषधि के रूप में भी काम में लेते हैं।
बाजार में बिकने वाला गुड़ 30 से 40 रुपए प्रति किलो आसानी से मिल जाता है। वहीं स्थानीय स्तर पर बना देसी गुड़ के भाव अधिक है। एक समय वह था जब किसान बैलों के माध्यम से चरखी बनाकर गन्ने का रस निकालते थे, किंतु अधिक आधुनिकता के इस युग में अब यह काम मशीनों से किया जा रहा है।
बकरी मारने पर आरोपित को एक साल की सजा
न्यायिक मजिस्ट्रेट राधाकिशन मालवीय ने बकरी मारने के आरोपित को एक साल की सजा सुनाई है। अभियोजन के अनुसार खेत के पास चरती हुई बकरी छापरी निवासी अमरु ने प बहुत मारा। फरियादी पांगलीबाई का पुत्र दीपू बकरी ढूंढ कर अपने घर लाया। जहां एक दिन बाद बकरी की मौत हो गई। न्यायाधीश ने आरोपित अमरु को एक साल की सजा एवं 1000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
 

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