साध्वी श्रीजी ने कहा कि हम घर में दिन में तीन बार झाडू लगाते है क्योंकि हमारा घर स्वच्छ व सुंदर दिखे, लेकिन जीवन को सुंदर व स्वच्छ बनाने के लिए धार्मिक क्रियाओं की अनदेखी करते हैं। हमें पंच प्रतिक्रमण मंदिर दर्शन, सामायिक पूजा आदि नित्य करना चाहिए। चिंतन करो कि मै कैसा हूं, मैं क्या कर रहा हूं, क्यो कर रहा हंू और सही कर रहा हूं नहीं। उन्होंने धन्यकुमार चरित्र का प्रसंग भी सुनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रावक मौजूद थे।
जीवन को पवित्र बनाना चाहिए
साध्वी श्रीजी ने कहा कि इस वैभव में मनुष्य धन को प्राप्त कर उसका भोग कर सकता है। छठवां विगयों वैभव अर्थात अच्छे खान-पान का वैभव मनुष्य को ही मिला है। खान-पान का चिंतन करना चाहिए और चिंतन से आत्मा को पवित्र बनाना चाहिए। सातवां विद्या का वैभव है, पशु किसी भी प्रकार की विद्या ग्रहण नहीं कर सकते हैं, हमें अपनी आत्मा को स्वाध्याय की और बढ़ाना चाहिए और आठवां वैराग्य का वैभव पशु में वैराग्य नहीं होता है। वह सम्यक प्राप्त कर सकता है। राग द्वेश पशुओं में भरे पड़े हंै। वैराग्य को प्रबल बनाने की शक्तिमनुष्य में ही है इसलिए जीवन को पवित्र बनाना चाहिए। इससे पहले साध्वी शासनलता ने स्वाध्याय के पांच प्रकार बताए, जिसमें वाचना अर्थात जो सुन रहे हैं, वो ध्यानपूर्वक सुनकर जीवन में धारण करना। दूसरा प्रच्छना अर्थात पूछकर शंका का समाधान करना। तीसरा परावर्तन मतलब पुनरावृत्ति करना। चौथा अनुप्रेक्षा मतलब अंदर की गहराई जानना और आपने जो समझा है, उसे दूसरों को भी समझाओं। दूसरों की प्रेरित करने से पहले हमें स्वयं उस पर अमल करें।
यजमानों, आयोजकों, सहयोगकर्ताओं का सम्मान
स्थानीय राजराजेश्वर मंदिर राजवाड़ा में कमला, ओझा, मंदाकिनी शुक्ला, उर्मिला जोशी के मुख्य आतिथ्य में ब्राह्मण समाज एवं समाज की महिला मण्डल ने सम्मान समारोह का आयेाजन कर मंदिर पर संपूर्ण सावन एक माह के धार्मिक कार्यक्रमोंं यथा 21 लाख शिवलिंग निर्माण, शिव पुराण, श्रीमद् भागवत कथा, पंचकुण्डात्मक यज्ञ, भण्डारा, अखण्ड रूद्रपाठ, शतचंडि पाठ निरंतर, जलाभिषेक, के आयोजकों, यजमानों, सहयोगकर्ताओं मंदिर समिति, पुजारी व्यवस्थापकों सभी का सम्मान किया। परशुराम वेद प्रचार अनुष्ठान समिति मध्यप्रदेश के संयोजक, पंाचों यजमान, नपा अध्यक्ष सेना पटेल, नपा उपाध्यक्ष मकु परवाल, प्रकाशचन्द्र राठौर, पूर्णिमा व्यास, सुमन बेन कुलकर्र्णी आम्बुआ को श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया। गोविन्द जोशी, कथावाचक कमलेश नागर नानपुर, मंदिर समिति सदस्य निरंजन मेहता, प्रमोद मंत्री, रामनाथ यादव, सुरेश माहेश्वरी, शिवा वाणी, मदनलाल राठौर, रवि जोशी का श्रीफल एवं उपयोग वस्तु प्रदान कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम को नगरपालिका अध्यक्ष सेना पटेल ने संबोधित कर कहा कि इस कार्यक्रम से आलीराजपुर नगरी धन्य हो गई। एक माह का कार्यक्रम एक इतिहास बन गया।