अलीराजपुरPublished: Sep 16, 2018 05:36:25 pm
amit mandloi
आलीराजपुर सहित अन्य स्थानों से बड़ी संख्या में शामिल हुए जैन समाजजन, जैन मंदिर प्रांगण में धर्मसभा का आयोजन
तपस्वियों का निकला चल समारोह, किया बहुमान
आलीराजपुर. राष्ट्र संत पुण्य सम्राट जयंतसेन सूरी, नित्यसेन व जयरत्न सूरी की आज्ञानुवर्ती कोमललता श्रीजी की सुशिष्या शासनलता श्रीजी आदि ठाणा चार की निश्रा में नगर में जैन श्रीसंघ में जप, तप व आराधना के साथ चातुर्मास मनाया जा रहा है। साध्वीजी की प्रेरणा से स्थानीय समाजजनों में करीब 40 महिला, पुरुष व बच्चों ने सिर्र्फ गर्म पानी के आधार पर कठिन तपस्या की, जिसमें मासक्षमण, 30 उपवास, सिद्धितप, 45 दिन तक तप, 16,9 व 11 उपवास तथा अठाई तप मुख्य हंै। शनिवार को भगवान और सभी 40 तपस्वियों का भव्य वरघोड़ा नगर के मुख्य मार्गों से निकाला गया, जिसमें मुख्य आकर्षण का केंद्र हाथी, घोडे, रथ, बग्घियां, बैंड और ढोल ताशे रहे। वरघोड़े में आसपास के जिलों सहित प्रदेश व देश के अन्य प्रांतों के श्रीसंघ के प्रतिनिधि भी पहुंचे। सुबह १०.३० बजे करीब स्थानीय जैन मंदिर से वरघोड़ा प्रारंभ हुआ। जिसमें करीब 1 हजार से अधिक समाजजन शामिल हुए। प्रतापगंज मार्ग, सिनेमा चौराहा, रणछोड राय मार्ग, बस स्टैंड, एमजी रोड होते हुए वरघोड़ा पुन: जैन मंदिर पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या में युवक युवतियों धार्मिक स्तवनों पर झूमते रहे। रास्ते में जगह-जगह वरघोड़े का स्वागत किया गया। वरघोड़े में हाथी, रथ और बग्गियों पर तपस्वी भगवान व गुरुदेव के चित्र लेकर बैठे थे। जिनकी अनुमोदना करते हुए समाजजन जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वरघोड़े मेंं विधायक नागरसिंह चौहान, नपाध्यक्ष सेना पटेल, नपा उपाध्यक्ष मकु परवाल सहित विभिन्न समाजों के लोग शामिल थे। जैन मंदिर के सामने धर्मसभा हुई, जिसका शुभारंभ विभिन्न श्रीसंघ से आए प्रतिनिधियों व समाज के पदाधिकारियों ने किया। साध्वी शासनलता श्रीजी ने मांगलिक सुनाई। जैन श्रीसंघ अध्यक्ष मनीष जैन ने कहा कि श्रीसंघ में अनेक तपस्या और आराधना हुई। तपस्वियों की अनुमोदना के लिए तीन दिवसीय जिनेंद्र भक्तिमहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान अतिथियों का स्वागत किया गया। बाग श्रीसंघ से आए सुनिल जैन ने कहा कि श्रीसंघ द्वारा ऐतिहासिक वरघोड़ा निकाला गया। संघ की एकता हमेशा ऐसी ही बनी रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाजजन मौजूद थे।
कार्यक्रम में तपस्वियों का बहुमान करने के लाभार्थी कुंदनलाल कन्हैयालाल काकड़ीवाला परिवार द्वारा तपस्या करने वाले तपस्वी का बहुमान किया गया, जिसमें मासक्षमण, 30 उपवास प्रिती कोकिल जैन, सिद्धि तप 45 दिन विधिपूर्वक उपवास ज्योति निर्मल जैन, मधु सुरेंद्र जैन, अंकिता अनय जैन, राहुल जैन, जिया विनय जैन। 16 उपवास करने वाली प्रिंसी विजित जैन, 9 उपवास करने वाले सचिन जैन,11 उपवास करने वाली नीरा मनीष जैन। अठाई आठ उपवास करने वाले तपस्वियों राशिल, जेनिश, कार्तिक, श्वेता, विभा, अल्पेश, शैली, खुशी, आगम, समय, टीशा, अनुशी, अविंशी, रक्षिता, आस्था, सयल, अक्षत, ड्रीम, राशि, मृदुल, सुनिता, गौतम, गोल्डी, कार्तिक जैन का श्रीफल व अभिनंदन-पत्र भेट कर बहुमान किया गया। इससे पहले सुबह नवकारसी व दोनों समय स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया।
बच्चों ने की अठाई
अठाई तप करने वालों में बच्चों ने आठ दिन तक सिर्फ गर्म पानी के आधार पर कठिन तपस्या की। जिनकी अनुमोदना समाजजनों ने की। महोत्सव का सफल बनाने में जैन श्री संघ, चातुर्मास समिति सहित सभी समाजजनों का योगदान रहा।