३ से ४ घंटे तक की जांच
जांच अधिकारी द्वारा कन्या उमावि पहुंचकर छात्राओं के असाइनमेंट देखकर नंबर की जानकारी ली गई कि किस आधार पर छात्राओं को नंबर दिए गए। डीएलएड में कुल 57 विद्यार्थी बैठे थे, जिनमें से 12 छात्राओं को 11 से कम अंक दिए गए। इससे वे उस विषय में फेल हुए। हालात यह थे कि जो शिक्षक इन छात्राओं को पढ़ा रहा था, उसे इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि कितने अंक प्राप्त करने पर विद्यार्थी पास होता है। कुल मिलाकर प्रैक्टिकल परीक्षा के 30 अंकों में से 12 अंक लाना अनिवार्य होते हैं और छात्राओं का आरोप भी यही था कि उन्हें जान-बूझकर 11 या इससे कम अंक दिए गए। जांच अधिकारियों द्वारा शिक्षक से पूछताछ के साथ ही रिकॉर्ड को भी अपने पास रख लिया गया है। शिक्षक का कहना है कि जानकारी के अभाव में त्रुटिवश उनसे इस तरह का कार्य हो गया।
शोकाज नोटिस
इस संबंध में स्कूल प्राचार्य जाकिया कुरैशी का कहना है कि छात्राओं द्वारा शिकायत किए जाने पर राकेश वाघेला को शोकाज नोटिस दिया गया था, लेकिन वे नहीं मिले। इसके बाद छात्राओं द्वारा कलेक्टर से शिकायत की गई। कलेक्टर द्वारा जांच दल भेजा गया है। अब उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिस समय जांच अधिकारी कन्या उमावि परिसर में पहुंचे तो अधिकारियों द्वारा वाघेला एवं प्राचार्य को बुलाया गया और एक कक्ष में बैठकर मामले की जानकारी ली गई। इस दौरान राकेश वाघेला का चेहरा मुरझाया हुआ दिखा। इस संबंध में इस प्रतिनिधि द्वारा वाघेला से भी उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।