‘बच्चों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें’अतिथि सिन्धु कावले से.नि. प्रधानाध्यापिका ने कहा कि बच्चे जीवन में आगे बढ़े ऐसी शिक्षा दें, कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है बल्कि उसमें कुशलता श्रेष्ठ हो। कार्यक्रम में प्रतियोगिता घटनाचक्र इंदौर के संपादक सुधीर वाघेला ने कहा कि हमेंं निरंतर चुनौती स्वीकार करते हुए अच्छी शिक्षा से बच्चों के उत्कृष्ट कॅरियर हेतु सही मार्गदर्शन देकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित करना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे समाज अध्यक्ष राजेश जे. वाघेला ने समाज में शिक्षकों के योगदान व उनकी महत्ता के संबंध मेंं विचार रखें। स्वागत भाषण पूर्व अध्यक्ष अरुण गेहलोत ने दिया। वक्ता संगीता चावडा ने भारतीय समाज में शिक्षकों की भूमिका के संबंध में विचार रखें। वक्ता भेरूसिंह चौहान, शिक्षक बोरखड़ ने गुरू की महता को प्रतिपादित करते हुए कहा, शिक्षक बच्चोंं को दबाव या भय से नहीं पढाएं। स्वागत गीत व नृत्य नाटिका की प्रस्तुति नित्या तंवर, धु्रवी चंदेल व हर्षिता गेहलोत ने दी। संचालन समाज सहसचिव दीपक गेहलोत ने किया। आभार विक्रांत राठौर ने माना। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष, अध्यापक सहित समाजजन उपस्थित थे।[typography_font:14pt;” >आलीराजपुर. शिक्षक में शिष्यों को बेहतर तरीके से सिखाने की कला होती है। हमेंं शिक्षकों ने योग्य बनाने हेतु कुशल ज्ञान दिया है, इसी कारण से हम आज इस मंजिल पर पहुंचे हंै। गुरू शिष्य की अज्ञानता को दूर करता है और उज्ज्वल भविष्य बनाता है। शिक्षक ही भावी राष्ट्र निर्माता है। विगत 12 वर्षों से राजपूत समाज द्वारा शिक्षक दिवस पर ऐसे आयोजन किया जाना सराहनीय है। यह बातें असाड़ा राजपूत समाज द्वारा शिक्षक दिवस पर महाराणा प्रताप भवन पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपर कलेक्टर सुरेशचन्द्र वर्मा ने कहीं। विशेष अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य पीएस अवास्या ने कहा, हम प्राय: शिक्षा से नौकरी पाने का लक्ष्य रखते हैं किन्तु आवश्यकता है विद्यार्थी को इससे भी बढक़र उनका सर्वांगीण विकास हो। वह शिक्षित होकर चरित्रवान बनें। ‘विद्यार्थी को सभ्य इंसान बनाते हैं गुरु’आलीराजपुर. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर आदिवासी समाज महिला मंडल ने शिक्षकों के सम्मान के लिए स्थानीय सहयोग गार्डन में जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित कर जिले के चयनित सेवानिवृत्त एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा योगदान एवं अतुल्य कार्य के लिए शिक्षकों को मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता नागरसिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष अजाक्स के नितेश अलावा एवं मप्र राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राजेश वाघेला की उपस्तिथि में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें जिले के सेवानिवृत्त शिक्षकों सहित 30 शिक्षकों को शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों के द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन एवं मां सरस्वति के चित्र पर माल्र्यापण तथा दीप प्रज्जवलित कर किया। स्वागत भाषण आदिवासी महिला मंडल की अध्यक्ष प्रीतिबाला डावर ने दिया। इस अवसर पर जिपं अध्यक्ष अनिता चौहान ने कहा कि आदिवासी महिला मंडल द्वारा आज शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित कर एक नेक एवं सराहनीय कार्य की शुरुआत की है । सम्मान तो सभी समाज के लोग अपने-अपने कार्यक्रम आयोजित कर करते हंै परन्तु आप लोगों के द्वारा सभी समाज के सेवानिवृत्त एवं उत्कृष्ट गुरुओं को चयनित कर आपके द्वारा सम्मान किया गया है। जो कि एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि गुरू समाज विशेष का नहीं होता है और ना ही गुरु विद्यार्थी से भेदभाव करते हैं। गुरू उन्हें एक सभ्य इंसान बनाते हैं। अतिथि नितेश अलावा ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों के अलग-अलग नाम देकर संबोधित किया जा रहा है, जिससे शिक्षक वर्ग में वर्ग भेद महसूस करता है। शिक्षक पद में समानता होना चाहिए। राजेश वाघेला ने महिला मंडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप लोगों के संगठन के सहयोग के लिए तन-मन धन से सहयोग करूंगा । आपके द्वारा बहुत ही सुन्दर पहल की है। आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) के जिला महासचिव भंगूसिंह तोमर, रतनसिंह राही, निर्मला माहेश्वरी, दयाराम पटोदे, रणजीतसिंह चौहान, अशोक बिश्या, अनिता चौधरी एवं डाइट आलीराजपुर के व्याख्याता भारतसिंह मौर्य ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आदिवासी महिला मंडल की उपाध्यक्ष गुलाबी तोमर, कोषाध्यक्ष संगीता चौहान, जिला प्रतिनिधि सदस्य विद्या डोडवे, कार्यकारिणी सदस्य शीला ओहरिया, प्रेमलता भंवर, रेशम भंबर, संजू रावत, अनिता जेलसिंह चौहान, मनीषा बागोले सहित गणमान्य नागरिक एवं छात्र उपस्थित थे। संचालन कार्यकारिणी अध्यक्ष ऋषिका वसावा एवं सुषमा जमरा ने किया । आभार महिला मंडल की मीडिया प्रभारी बिरज चौहान ने माना।